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महिला डॉक्टर ने हथेली पर लिखा सुसाइड नोट और कर ली आत्महत्या, पुलिस अधिकारी पर रेप का आरोप - सस्पेंड

- फलटण उपजिला अस्पताल में तैनात महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या
- दो पुलिस अधिकारियों पर रेप और उत्पीड़न का आरोप
- मुख्यमंत्री फडणवीस ने दिए तत्काल जांच और कार्रवाई के आदेश
- पुलिस अधिकारी निलंबित, फोरेंसिक जांच जारी
Satara /Beed News. सातारा जिले के फलटण इलाके में एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली है। जो बीड़ जिले की रहने वाली थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि डॉक्टर ने अपने हाथ की हथेली पर सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उन्होंने दो पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए। महिला डॉक्टर ने सुसाइड से पहले जिन पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया है, उनमें गोपाल बदने (सब-इंस्पेक्टर) और प्रशांत बनकर का नाम शामिल हैं। घटना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। डॉक्टर की पहचान संपदा मुंडे के रूप में की गई है। जो जिले के फलटण उपजिला अस्पताल में बतौर डॉक्टर काम कर रही थी।
मुख्यमंत्री की सख्त प्रतिक्रिया
- फडणवीस ने मामले की रिपोर्ट मांगी और संबंधित पुलिस अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोप बेहद गंभीर हैं, दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
- उधर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी मामले का संज्ञान लिया और सतारा पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया।
- आरोप लगने के बाद सब-इंस्पेक्टर बदने को मुख्यमंत्री का आदेश मिलते ही निलंबित कर दिया गया है। आरोपियों की जांच के लिए विशेष टीमें बनाई गईं। यह भी बताया जा रहा है कि डॉ.मुंडे पिछले कुछ महीनों से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच चल रहे एक विवाद में फंसी हुई थीं।
सुसाइड नोट में लिखा दर्द
सुसाइड नोट में डॉ. मुंडे ने लिखा है कि वह पिछले कुछ महीनों से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच चल रहे विवाद में फंसी हुई थीं। उन्होंने बताया कि एक मेडिकल जांच से जुड़ा मामला उनके लिए परेशानी का कारण बन गया था, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों से उनके बीच तीखी बहस हुई और उन पर विभागीय जांच भी शुरू हो गई थी।
डॉ. मुंडे ने लिखा है कि “पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बदाने ने पिछले पांच महीनों में कई बार मेरे साथ रेप किया और प्रशांत बनकर ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
जांच और आगे की कार्रवाई
- पुलिस ने डॉक्टर का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
- डॉक्टर की हथेली पर लिखे सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच की जा रही है।
- पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच की जांच रिपोर्ट को भी खंगाला जा रहा है।
कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद मेडिकल की पढ़ाई की
मूल रूप से बीड जिले के कवडगांव की रहने वाली डॉक्टर तरुणी ने शिक्षा बीड शहर के एक स्कूल में पूरी की और कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद मेडिकल की पढ़ाई करने का संकल्प लिया। उनके माता-पिता किसान हैं और परिवार में चार भाई-बहन हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने जिद और मेहनत के बल पर जलगांव मेडिकल कॉलेज से मेडिसिन की डिग्री हासिल की। शिक्षा के प्रति उनका रुझान परिवार से ही मिला था, चचेरे भाइयों का परिवार उच्च शिक्षित था, जिससे प्रेरणा लेकर उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने का निश्चय किया। महाबलेश्वर में पहली नियुक्ति संविदा के आधार पर मिली, जहां उन्होंने छह महीने तक सेवा दी। इसके बाद उन्हें फलटण उपजिला अस्पताल में नियुक्त किया गया, जहाँ वे पिछले डेढ़ वर्ष से कार्यरत थीं।
पैतृक गांव कवडगांव में अंतिम संस्कार
मृतक डॉक्टर महिला तरुणी मुंडे का पार्थिव शरीर 24 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव कवडगांव लाया गया, जहां पूरे गांव की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण, सहकर्मी डॉक्टर और रिश्तेदार उपस्थित रहे। पूरे गांव में शोक का माहौल व्याप्त था।
सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर तरुणी अगले हफ्ते अपने पैतृक गांव बीड जाने वाली थीं, जिसके लिए उन्होंने छुट्टी भी आवेदन किया था। वे अविवाहित थीं, डॉ. संपदा मुंडे की आत्महत्या से चिकित्सा जगत में शोक और आक्रोश दोनों का माहौल है। महिला संगठनों ने नारी सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
Created On :   24 Oct 2025 7:08 PM IST











