मांगी इच्छा मृत्यु: तपती दोपहर में १७ कि.मी. की दंडवती यात्रा कर, कलेक्टर के पास पहुंचे ५ तहसीलों के २५० से भी ज्यादा किसान

तपती दोपहर में १७ कि.मी. की दंडवती यात्रा कर, कलेक्टर के पास पहुंचे ५ तहसीलों के २५० से भी ज्यादा किसान
  • तपती दोपहर में १७ कि.मी. की दंडवती यात्रा कर
  • कलेक्टर के पास पहुंचे ५ तहसीलों के २५० से भी ज्यादा किसान

Satna News: एमपी हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी हाईटेंशन टावर लगाने के एवज में पावर ग्रिड से मुआवजा नहीं मिलने से परेशान ५ तहसीलों के २५० से भी ज्यादा किसानों ने मंगलवार को यहां राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर इच्छा मृत्यु की अनुमति दिए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारी किसानों में तकरीबन एक सैकड़ा महिलाएं भी शामिल थीं। इससे पहले नागौद, उचेहरा,मैहर,अमरपाटन और रामनगर के प्रभावित किसान सुबह १० बजे उचेहरा के पोंड़ी तिराहे में

एकत्र हुए। तकरीबन ४२ डिग्री अधिकतम तापमान के बीच प्रदर्शनकारी किसानों ने दंडवती यात्रा आरंभ की। सडक़ पर लेट-लेट कर किसान लगभग ६ किलोमीटर की यात्रा कर पतौरा पहुंचे।

बेअसर रही एसडीएम की समझाइश:----

पतौरा में उचेहरा एसडीएम सोमेश द्विवेदी ने किसानों से बात कर समस्या के जल्द निराकरण का आश्वासन दिया, लेकिन किसान पीछे नहीं हटे। दंडवती यात्रा जारी रही और कुल १७किलोमीटर की यूं ही यात्रा कर किसान दोपहर ढाई बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। किसानों को एडीएम (सिटी) राहुल सिलाडिय़ा ने समझाइश दी मगर प्रदर्शनकारी कलेक्टर से मिल कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने की बात पर अडिग थे।

कलेक्टर से मिला प्रतिनिधि मंडल:----

प्रदर्शनकारी किसानों के ७ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से भेंट कर उन्हें राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हाईकोर्ट के आदेश के तहत मुआवजे का भुगतान कराने अन्यथा इच्छ मृत्यु की अनुमति दिए जाने की मांग की गई है। प्रतिनिधि मंडल में शुभेंद्र पांडेय,अमित गौतम, अनूप तिवारी, रामनाथ कोल, सुरेंद्र तिवारी, रामकिशोर कुशवाहा एवं भागीरथ दुबे शामिल थे। प्रतिनधि मंडल के प्रवक्ता शुभेंद्र पांडेय ने बताया कि चर्चा के दौरान पावर ग्रिड के डीजीएम पराग चंद्रावर भी मौजूद रहे। कलेक्टर ने मांगों के निराकरण के लिए एक माह का समय मांगा है। इसी सिलसिले में उन्होंने मैहर, अमरपाटन,नागौद ,उचेहरा और रामनगर के एसडीएम की टीम बना कर फील्ड सर्वे कराते हुए वस्तु स्थिति पर रिपोर्ट भी मांगी है।

क्या है पूरा मामला :----

किसानों ने बताया कि पावर ग्रिड कार्पोशन ने हाईटेशन लाइन के लिए २००५ से २०१५ के बीच नागौद, उचेहरा,मैहर,अमरपाटन और रामनगर तहसील क्षेत्र के गांवों में टावर लगाते हुए लाइन बिछाई थी। यह काम पावर ग्रिड और जेपी पावर और एमपीटीसीएल ने किया था। मगर, जिन किसानों के खेतों में टावर लगा कर लाइन दौड़ाई गई उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। अंतत: नंदहा के प्रभाविह किसान वीरेंद्र सिंह परिहार ने मुआवजे के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। वर्ष २०१५ में हाईकोर्ट के डायरेक्शन पर तबके कलेक्टर ने १२लाख रुपया प्रति टावर और ३ हजार प्रति रनिंग मीटर तार के हिसाब से मुआवजे का निर्धारण किया। इस मुआवजे से ५६ किसान लाभान्वित हुए। कलेक्टर ने अन्य वाजिब प्रभावित किसानों को चिन्हित करने के लिए ५ सदस्यीय टीम भी बनाई। जिसमें २ डिप्टी कलेक्टर के साथ पावर ग्रिड के ३ अफसरों को शामिल किया गया था। मगर, आरोप है कि यह जांच टीम कभी असर में नहीं आई।

हाईकोर्ट में हार चुका है पावर ग्रिड:---

मुआवजा लाभ से वंचित किसानों में से एक मौहारी के दिवाकर शुक्ला वर्ष २०१६ में हाईकोर्ट गए।

अत: तबके कलेक्टर मोहनलाल मीणा ने अपने पूर्ववर्ती कलेक्टर संतोष मिश्रा के मुआवजा फार्मूले को अपनाया लेकिन किसी भी किसान को इसका लाभ नहीं मिला। वर्ष २०१८ में एक अन्य किसान रामनाथ कोल ने कलेक्टर कोर्ट में मुआवजे का दावा किया। नवंबर २०२१ में कलेक्टर कोर्ट ने पावर ग्रिड को निर्देशित किया कि वह रामनाथ को १२ लाख रुपए प्रति टावर और ३ हजार रुपया प्रति रनिंग मीटर तार के मुआवजे का भुगतान ब्याज के साथ करे लेकिन पावर ग्रिड ने कलेक्टर के आदेश को अहमियत नहीं दी। कलेक्टर कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं होने से नाराज रामनाथ वर्ष २०२२ में हाईटेंशन टावर पर चढ़ गया। इसी बीच पावर ग्रिड ने हाईकोर्ट से कलेक्टर के आर्डर के विरुद्ध स्थगन हासिल कर लिया। विगत २३ अप्रैल को एमपी हाई कोर्ट ने कलेक्टर के मुआवजा संबंधी आदेश को मान्यता देते हुए पावर ग्रिड की याचिका खारिज कर दी।

इनका कहना है-

प्रभावित किसानों के प्रतिनिधि मंडल का पक्ष सुनने के बाद पावर ग्रिड के अफसरों को निर्देशित किया गया है वे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें। इस संबंध में पावर ग्रिड से रिकार्ड भी तलब किए गए हैं।

डा. सतीश कुमार एस, कलेक्टर

Created On :   11 Jun 2025 5:57 PM IST

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