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Seoni News: जिले की 30 राइस मिलों से 20 हजार क्विंटल चावल गायब

- कलेक्टर के निर्देश पर समिति ने की थी जांच, अब होगी वसूली
- जानकारी के अनुसार जिले के 77 राइस मिलर्स ने मिलिंग के लिए एग्रीमेंट कराया था।
- राइस मिलों की जांच पड़ताल में जो कमी पाई गई है उसकी भरपाई पांच गुना पैनाल्टी लगाकर की जाएगी।
Seoni News: जिले की 30 राइस मिलों में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। ईओडब्लू की कार्रवाई के बाद राइस मिलों की जांच के लिए कलेक्टर के निर्देश पर जो टीम बनी थी उसने बड़ी गड़बड़ी उजागर की है। इन राइस मिलों से 20 हजार क्विंटल चावल टीम को नहीं मिला यानि चावल गायब है। हालांकि इस मामले में पांच गुना रिकवरी की जाएगी।
फिलहाल सभी को नोटिस देने की कार्रवार्ई की जा रही है। ज्ञात हो कि भुरकलखापा स्थित राइस मिल में ईओडब्लू की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद प्रशासन ने सभी राइस मिलों के लिए जांच टीम बना दी थी। करीब डेढ़ माह बाद जांच पूरी की गई।
ढाई लाख एमटी धान उठाई
जानकारी के अनुसार जिले के 77 राइस मिलर्स ने मिलिंग के लिए एग्रीमेंट कराया था। इसमें से 2.56 लाख एमटी धान मिलर्स ने उठाई थी। इसमें से 1.71 लाख एमटी का चावल जमा कर दिया। 67 प्रतिशत मिलिंग के मान से 20 हजार क्विंटल चावल सरकारी गोदामों में जमा नहीं हुआ। यानी यह चावल कहां गया इसका कोई रिकार्ड जांच में नहीं मिला। माना जा रहा है यह चावल या तो खुले बाजार में बेच दिया गया या कहीं और खपा दिया गया।
चावल दें या भरपाई करें
मिलिंग नीति के तहत मिलर्स को चावल की कमी आने पर या तो उन्हें बकाया चावल देना होगा या फिर पांच गुना भरपाई करना होगी। बताया जा रहा है कि मिलों की जांच के दौरान ही सभी मिलर्स में हडक़ंप मच गया था। हालांकि अब चावल कम पाए जाने पर उसकी भरपाई के लिए सभी मिलर्स जुगत में लग गए हैं।
जिले भर में मिलिंग का काम बंद
ईओडब्लू की कार्रवाई के बाद से ही जिले भर की सभी राइस मिलों में सरकारी धान की मिलिंग का काम बंद है। जांच टीम ने एग्रीमेंट के अनुसार धान का स्टाक, जमा चावल का मिलान किया। इस जांच कार्रवाई के शुरुआत से भी मिलिंग काम बंद है। वर्तमान में 30 हजार क्विंटल धान गोदामों भंडारित है। अब इस धान की मिलिंग भी समय पर होना चाहिए अन्यथा यह भी खराब हो सकती है। ज्ञात हो कि पूर्व में ओपन कैप में रखी धान बड़ी मात्रा में खराब हो चुकी है।
इन मिलों में कम पाया गया चावल
जांच में जिन राइस मिल में चावल कम पाया गया है, उनमें पवारबंधु राइस मिल तिघरा, साहू राइस मिल लोहारा,पारस राइस मिल सांडदेव रैयतवाड़ी,जैन राइस मिल वुट्टे पिंडरई,आलोक राइस मिल छीतापार,श्रीराम राइस मिल बकौड़ी, एमकेपीएस फूड एक्सपोर्ट प्रा लि, मेरा बाबा राइस मिल दरासीकला,मे यश राइस उद्योग, रामोती राइस मिल,किसान राइस मिल कंटगी,शर्मा राइस मिल सालीवाड़ा, त्रियंबक राइस मिल, महाकाल राइस मिल पांडियाछपारा,शिव शक्ति राइस मिल कामता,श्री गोयल राइस मिल कान्हीवाड़ा,साई राम राइस मिल भुरकलखापा सिवनी,राधे कृष्ण राइस मिल भुरकलखापा सिवनी,एचएलएम ग्रुप राइस मिल भुरकलखापा सिवनी,शिवशंभु राइस मिल भुरकलखापा सिवनी, जिया राइस मिल भुरकलखापा सिवनी, शिवा एग्रो राइस मिल भुरकलखापा सिवनी, बजरंग एग्रो राइस मिल भुरकलखापा सिवनी,जावी राइस मिल कारीरात रोड सिवनी, श्री श्याम राइस मिल अलोनिया,लक्ष्मी नारायण राइस मिल, लोधी कन्सट्रक्शन एण्ड कम्पनी,मां शारदा राइसमिल छपारा,श्रीबालाजी राइसमिल गणेशगंज और दुर्गा राइसमिल पुरवा शामिल है।
इनका कहना है
राइस मिलों की जांच पड़ताल में जो कमी पाई गई है उसकी भरपाई पांच गुना पैनाल्टी लगाकर की जाएगी। कुछ मिलों पर धान और चावल का स्टाक भी पाया है।
मनोज पुराविया, जिला आपूर्ति अधिकारी
Created On :   9 May 2025 2:35 PM IST