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Shirpur News: सहकारिता विभाग की बड़ी कार्रवाई, तीन अवैध साहूकारों के ठिकानों पर छापा

- लगातार कार्रवाई से अवैध साहूकारों में हड़कंप
- कोरे चेक, रसीदें, ब्याज रिकॉर्ड और सौदापावती दस्तावेज जब्त
- आठ–दस दिनों में तीसरी बड़ी कार्रवाई थी
Shirpur News. साढ़े दस लाख रुपये वसूलने के बाद भी ब्याज के लिए प्रताड़ित करने के आरोप में सहकारिता विभाग ने मंगलवार, 14 अक्टूबर को शहर के तीन अवैध साहूकारों के ठिकानों पर छापा मारा। कार्रवाई के दौरान टीमों ने कोरे चेक, ब्याज लेनदेन की डायरियां, रसीदें, गिरवी रखे दस्तावेज और अन्य सबूत जब्त किए। यह आठ–दस दिनों में तीसरी बड़ी कार्रवाई थी।
कैसे हुआ खुलासा
शिरपुर के मदीना मोहल्ला निवासी एक ट्रक व्यापारी ने सहायक निबंधक राजेंद्र वीरकर के समक्ष शपथपत्र पर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने 2014 में दो व्यक्तियों से 4 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जबकि अब तक 10 लाख 32 हजार रुपये चुका चुका है। इसके बावजूद साहूकारों ने उसके मकान की बिक्री रसीद तैयार कर ली और धमकी दी कि “घर बेच देंगे और पैसे वसूल लेंगे।” लगातार प्रताड़ना से परेशान होकर व्यापारी ने सहकारिता विभाग में शिकायत दर्ज कराई।
तीन ठिकानों पर छापा
शिकायत के बाद सहकारिता विभाग की तीन टीमों ने पुलिस सुरक्षा के साथ कार्रवाई की। सहायक निबंधक राजेंद्र वीरकर के नेतृत्व में टीम ने सुरेश रामचंद्र माली (म्हालसा माता मंदिर क्षेत्र, वरवाड़े) के घर से कोरे चेक और पॉकेट डायरी जब्त की। माली पर ₹2 लाख के ऋण के बदले ₹6.32 लाख वसूली का आरोप है।
दूसरी टीम ने नारायण जगन्नाथ मराठे (मदीना मस्जिद के पास) के घर पर छापा मारा। वहाँ से लेन-देन की रसीदें, अग्रिम चेक और गिरवी रखे वाहन की आर.सी. बुक मिली। उन्होंने शिकायतकर्ता को ₹2 लाख का कर्ज देकर ₹4 लाख वसूल लिए और फिर भी ब्याज माँगते रहे।
जांच में पता चला कि दिलीप पाटील नामक व्यक्ति मराठे की ओर से वसूली कर रहा था और शिकायतकर्ता के घर की खरीद के कागज़ात भी उसके नाम पर बनाए गए थे।
अधिकारियों की टीम
सहायक निबंधक राजेंद्र वीरकर के मुताबिक कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक श्रीकांत धिवरे के मार्गदर्शन में की गई। इसमें जिला उप पंजीयक मनोज चौधरी, सहायक पंजीयक राजेंद्र वीरकर, शहर पुलिस निरीक्षक किशोरकुमार परदेशी, सहकारिता अधिकारी सूरज वानले, मुख्य लिपिक नवनीत गोसावी, नितेश महाले, हेमंत खैरनार, संदीप दरवड़े, नागेश पुकाले, योगेश पाटील, प्रकाश वाघ और शुभम सालुंखे शामिल थे।
अवैध साहूकारी कानूनन अपराध है
राजेंद्र वीरकर, सहायक निबंधक के मुताबिक बिना लाइसेंस साहूकारी करना या तय सीमा से अधिक ब्याज वसूलना धनशोधन अधिनियम के तहत अपराध है। यदि कोई साहूकार पीड़ित को आर्थिक रूप से शोषित कर रहा है, तो वह सहकारिता विभाग या पुलिस से तुरंत संपर्क करें। तत्काल कार्रवाई की जाएगी।”
Created On :   15 Oct 2025 9:50 PM IST