8 सखियाें संग यहां विराजे हैं कृष्ण, अाज भी अाती है पायल की आवाज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मथुरा वृंदावन में हर ओर राधा-कृष्ण की भक्ति की गूंज सुनाई देती है फिर चाहे वह कृष्ण जन्माष्टमी हो या होली का त्योहार। भारत देश की इसी पावन भूमि पर भगवान विष्णु ने अपने कृष्ण अवतार में लीलाएं रचाकर दुष्टों का संहार किया था। आज हम आपको इसी पवित्र स्थल पर मौजूद एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने आप में अद्भुत होने के साथ ही अलौकिक भी है। आज भी यहां भगवान कृष्ण की मौजूदगी का एहसास भक्तों को होता है।
रासलीला में शामिल थीं ये सखियां
यह स्थान है वृंदावन में है और इसे श्री राधा रास बिहारी अष्ट सखी मंदिर के नाम से जाना जाता है। बृज की 84 कोस परिक्रमा के दौरान इसके दर्शन करने का अवसर मिलता है। यह स्थान भगवान कृष्ण की अष्ट सखियों को समर्पित है, जो उनकी रासलीला में शामिल थीं। इसी वजह से अष्ट सखी मंदिर कहा जाता है। इसे लीला स्थान के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थान का वर्णन पुराणाें में भी दिया गया है। कहा जाता है कि कृष्ण अपनी अाठ सखियाें के संग राधा के साथ यहां रासलीला के लिए पधारे थे।
यहां कृष्ण और राधारानी की दिव्य रास लीला का स्थान
श्रीराधा रास बिहारी अष्ट सखी मंदिर भगवान कृष्ण और राधारानी की दिव्य रास लीला का स्थान है। यह मंदिर श्रीबांके बिहारी मंदिर के समीप ही स्थित है। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां आज भी विशेष अवसरों पर रात्रिकाल में पायलों की आवाज सुनाई देती है, इसके साथ ही मधुर धुन भी होती है जो अत्यंत ही कर्णप्रिय होती है। हालांकि इसे अनेक लाेग रहस्यात्मक भी मानते हैें। इस स्थान पर भी अन्य मंदिरों के समान ही भक्तों का सालभर आना होता है। यहां का दृश्य अब भी ग्रंथों में वर्णित कथाओं के समान ही प्रतीत होता है।
Created On :   16 Feb 2018 9:37 AM IST