Shukra Pradosh Vrat: भाद्रपद माह के अंतिम प्रदोष व्रत पर इन मंत्रों का करें जाप, जानिए पूजा विधि

भाद्रपद माह के अंतिम प्रदोष व्रत पर इन मंत्रों का करें जाप, जानिए पूजा विधि
  • इस व्रत में प्रदोष काल में पूजा की जाती है
  • शिव शंकर और माता पार्वती की पूजा करते हैं
  • इस महीने शुक्र प्रदोष व्रत 05 सितंबर को है

डि​जिटल डेस्क, भोपाल। भगवान शिव को प्रसन्न करने कई सारे व्रत सालभर में आते हैं, लेकिन एक व्रत ऐसा भी है जो हर महीने में दो बार आता है और इसका महत्व भी काफी है। इसे प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के नाम से जाना जाता है जो प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन रखा जाता है। फिलहाल, भाद्रपद माह चल रहा है और शुक्ल पक्ष में यानि कि महीने का आखिरी प्रदोष व्रत 05 सितंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से देवों के देव महादेव की खास कृपा मिलती है। ऐसा माना जाता है कि शुक्र प्रदोष व्रत को करने से जीवन से नकारात्मकता समाप्त होती है और सफलता मिलती है। आइए जानते हैं मुहूर्त, पूजा विधि और सामग्री...

ति​थि कब से कब तक

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 05 सितंबर 2025, शुक्रवार की सुबह 4 बजकर 8 मिनट से

त्रयोदशी तिथि समापन: 06 सितंबर 2025, शनिवार की सुबह 3 बजकर 12 मिनट तक

प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त: 05 सितंबर की शाम 6 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 55 मिनट तक

प्रदोष व्रत सामग्री

प्रदोष व्रत पर भगवान की पूजा के लिए सफेद पुष्प, सफेद मिठाइयां, सफेद चंदन, सफेद वस्त्र, जनेउ, जल से भरा हुआ कलश, धूप, दीप, घी,कपूर, बेल-पत्र, अक्षत, गुलाल, मदार के फूल, धतुरा, भांग, हवन सामग्री आदि, आम की लकड़ी की आवश्यकता होती है।

इस विधि से करें पूजा

- शाम के समय स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर लें।

- पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को शुद्ध कर लें, आप चाहें तो शिव मंदिर में भी पूजा कर सकते हैं।

- प्रदोष काल में भगवान शिव का दुध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।

- भगवान को भांग, धतूरा, बेलपत्र, फल आदि अर्पित करें।

- अब भगवान शिव की आरती करें और पश्चात् भोग सामग्री अर्पित करें।

इन मंत्रों का करें जाप

1. ॐ नमः शिवाय

2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।

तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

3. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   4 Sept 2025 7:00 PM IST

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