सोमवती अमावस्या और अर्ध कुंभ के शाही स्नान का बन रहा अदभुत योग

Amazing Yoga of Ardh kumbh Royal bath and Somvati Amavasya
सोमवती अमावस्या और अर्ध कुंभ के शाही स्नान का बन रहा अदभुत योग
सोमवती अमावस्या और अर्ध कुंभ के शाही स्नान का बन रहा अदभुत योग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वर्ष 2019 की पहली सोमवती अमावस्या और अर्ध कुंभ के शाही स्नान का अदभुत योग बन रहा है। यह पर्व अपने आप में विशेष महत्व रखता है, लेकिन इस बार अर्ध कुम्भ होने से यह और भी विशेष बन गया है, जो 4 फरवरी 2019 सोमवार के दिन है। ऐसी परम्परा है कि पहली सोमवती अमावस्या के दिन धान, पान, हल्दी, सिन्दूर और सुपाड़ी की भंवरी दी जाती है। उसके बाद की सोमवती अमावस्या को अपने सामर्थ्य के अनुसार फल, मिठाई, सुहाग सामग्री, भोजन सामग्री इत्यादि की भंवरी दी जाती है। भंवरी पर चढ़ाया गया सामान किसी सुपात्र ब्राह्मण, ननद या भांजे को दिया जा सकता है। अपने गोत्र या अपने से निम्न गोत्र में वह दान नहीं देना चाहिए।

महासंगम
इस बार सोमवती व मौनी अमावस्या 4 फरवरी 2019 को मनाई जाएगी। इस बार कुंभ स्नान में दूसरे शाही स्नान पर सोमवती व मौनी अमावस्या पर महादेय एवं सर्वार्थसिद्धि योग का महासंगम हो रहा है। यह दुर्लभ योग 71 साल बाद कुंभ में बन रहा है। इस बार इस योग में त्रिवेणी संगम में स्नान, दानपुण्य करने से राहु, केतु, शनि से संबंधित कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

सर्वार्थ सिद्धि योग
4 फरवरी 2019 को मौनी अमावस्या के साथ-साथ सोमवती अमावस्या का अदभुत संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग की भी निष्पत्ति हो रही है। साधारण रूप से भी यह विशेष होती है किन्तु इस बार अर्धकुम्भ होने से इसका महत्त्व और भी बढ़ गया है। इस दिन तीर्थ में स्नान,तप, व्रत और दान करने से कई गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 

विशेष महत्व
पद्मपुराण में कहा गया है कि अन्य मास में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते, जितने वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं। विशेषकर मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान का विशेष महत्व का माना गया और इस बार तो अर्धकुम्भ जो महायोग है।
मौनी अमावस्या का यह व्रत व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को वश में रखना सिखाता है। शास्त्रों में वाणी को नियंत्रित करने के लिए इस दिन को सबसे शुभ बताया गया है। मौनी अमावस्या को स्नान के बाद मौन व्रत रखकर जाप करने से मन की शुद्धि होती है। कुंभ मेले का शाही स्नान मौनी अमावस्या का भी होता है।

मोक्ष की गति
इस दिन अमावस्या तिथि सूर्योदय से लग जाएगी, जो पूरे दिन रहेगी। इस दिन श्रवण नक्षत्र, वियातिपाद योग, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ-साथ सोमवार होने से महायोग का निर्माण हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार कुंभ आरंभ होने की मूल तिथि भी यही है इसमें स्नान करने से मनुष्य पूर्णता की प्राप्ति करता है, वहीं अपने पूर्वजों को स्नानदान कर मोक्ष की गति दिलाता है। वैदिक कैलेंडर के अनुसार इस साल अमावस्या तिथि पर गुरु वृश्चिक राशि में और सूर्य मकर राशि में होंगे जो अद्भुत योग है।

Created On :   24 Jan 2019 10:38 AM GMT

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