Skanda Sashti 2025: कब है स्कंद षष्ठी? किस प्रकार करें व्रत और पूजा, यहां जानिए

- इस दिन भगवान कुमार कार्तिकेय की पूजा की जाती है
- आषाढ़ महीने में यह तिथि 30 जून, सोमवार है
- पूजा से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। यह हर महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने के साथ ही भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कुमार कार्तिकेय की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। इनको स्कंद भी कहा जाता है इसलिए इनको समर्पित इस तिथि को स्कंद षष्ठी कहा गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं, उन्हें भक्ति और ज्ञान का वरदान प्राप्त होता है।
पौराणिक मान्यता यह भी है कि, स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ हैं उन्हें भी इस दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा करने से लाभ मिलता है। बता दें कि, आषाढ़ महीने में यह तिथि 30 जून, सोमवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं तिथि और पूजन विधि...
स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त
षष्ठी तिथि आरंभ: 30 जून 2025, सोमवार की सुबह 09 बजकर 23 मिनट पर
षष्ठी तिथि समापन: 01 जुलाई 2025, मंगलवार की सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर
पूजा विधि
- सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें।
- घर के मंदिर में सफाई कर गंगा जल का छिड़काव करें।
- इसके बाद दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय की पूजा आरंभ करें।
- पूजा में चंपा के पुष्प को अवश्य शामिल करें।
- इस दिन संपूर्ण शिव परिवार की भी पूजा करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं और फल, मिष्ठान का भोग लगाएं।
- वैदिक मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
पूजा में इस मंत्र का जाप करें
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।
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Created On :   28 Jun 2025 5:01 PM IST