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कार्तिक पूर्णिमा पर आज नर्मदा तटों पर रही श्रद्धालुओं की भीड़ - पुलिस रही सख्त

डिजिटल डेस्क जबलपुर । सोमवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आज नर्मदा के प्राय: सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा । भेड़ाघाट व उमाघाट में विशेष भीड़ देखी गई । पुलिस की सख्ती के कारण इन घाटों पर पूर्व वर्षां की तरह भीड़ नहीं हो पाई । कोरोना संक्रमण को देखते हुए पुलिस ने घाटों से काफी दूर लोगों के दोपहिया चार पहिया वाहन रोक दिए जिससे पैदल चलने के भय से काफी लोग बिना स्नान के ही वापस हो गए । इसे देव दीपावली और त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। मान्यता है कि इस तिथि पर शिवजी भगवान विष्णु को सृष्टि का भार सौंपते हैं। पं. रोहित दुबे के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और शिवजी की विशेष पूजा करनी चाहिए। कार्तिक मास की पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने की परम्परा है। पं. वासुदेव शास्त्री ने कहा कि शाम को नदी में दीपदान करने का विशेष महत्व है। इस तिथि पर किए गए दान-पुण्य, जाप आदि का दस यज्ञों के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा सुनी जाती है। शाम को मंदिरों, चौराहों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप जलाए जाते हैं। संत रविदास विचार मंच के शारदा प्रसाद चौधरी, मानक लाल जाटव ने लोगों से कार्तिक पूर्णिमा व्रत को अपने घरों में रहकर मनाने की अपील की है।
हिन्दुओं के लिए कार्तिक मास विशेष महत्व रखता है। इस पूरे मास दान, पुण्य और नर्मदा दर्शन विशेष लाभदायी होता है। खासकर कार्तिक मास की नवमी, एकादशी, प्रदोष, चतुर्दशी और पूर्णिमा तिथियों का अपना एक अलग महत्व होता है। इन तिथियों पर हर साल ग्वारीघाट में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। इस समय न केवल शहर, बल्कि आसपास से जुड़े ग्रामीण व अन्य शहरी क्षेत्रों से भी श्रद्धालु माँ नर्मदा के दर्शन करने ग्वारीघाट पहुँचते हैं। इसके अलावा भी शनिवार और रविवार को ग्वारीघाट में माँ नर्मदा के दर्शन के लिए अच्छी-खासी भीड़ उमड़ती है। उसके बावजूद ग्वारीघाट में ट्रैफिक पुलिस की गैरमौजूदगी, ट्रैफिक पुलिस को गैर जिम्मेदार साबित कर रही थी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।