जानिए ये है हिन्दू देवी-देवताओं के वाहन एवं रथ

By - Bhaskar Hindi |20 Jun 2018 1:09 PM IST
जानिए ये है हिन्दू देवी-देवताओं के वाहन एवं रथ
डिजिटल डेस्क। हर देवी, देवता एवं दिगपालो के अपने अपने वाहन हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं के रथ भी हैं और अपने अपने सारथी भी हैं। ऐसा कहा गया है कि असुर गंधर्वों की सवारी करते हैं और देवता पशु, पक्षियों की सवारी करते हैं।
उदाहरणार्थ:- वृषभ, नंदी, भगवान शिव का वाहन हैं। सिंह, महादेवी का वाहन है। गरुड़, महाविष्णु का। उल्लू, हाथी महालक्ष्मी का। मूषक, गणपति का। मयूर, कुमार कार्तिकेय का। हंस, ब्रह्मा और ब्रह्माणी का। एरावत, इन्द्र का। मेंढक, मंगल एवं कुबेर का वाहन है।
जिन देवताओं के पास अनेक वाहन हैं। उनमें इन देवताओं के नाम शामिल हैं।
- शनिदेव के सात वाहन हैं- हाथी, गधा, हिरण, कुत्ता, सियार, शेर और गिद्ध। इसके अलावा भैंसा और कौए को भी इनका वाहन माना गया है।
- महामत्स्य, राहु और केतु का।
- मकर/घड़ियाल, वरुण का।
- मृग, वायु का।
- मकर गंगा एवं नर्मदा का।
- कच्छप, यमुना का।
- महिष एवं मृग, यमराज का वाहन है।
इन वाहनों के साथ-साथ इनके अपने अपने रथ भी हैं
- सूर्य कमल में विराजते हैं और एक पहिये वाला उनका संवत्सर नाम का रथ 7 सफेद घोड़ों से जुड़ा होता है। उनके सारथी का नाम अरुण है। रथ का विस्तार 9,000 योजन है। उनके पहिये की धुरी 1 करोड़, 7500 लाख योजन है। उस पहिये के 7 घेरे हैं, जो 6 ऋतुओं के प्रतीक हैं। उनमें घिरे 5 समय की इकाईयों के प्रतीक हैं। इस रथ को जो सात घोड़े खींचते हैं वो प्रतीक हैं: गायत्री, वृहती, उश्निक/उष्णीक, जगती, त्रिष्टुप, अनुष्टुप एवं पंक्ति नामक 7 छंदों के।
- चन्द्र के रथ के 2 पहिये होते हैं और उन्हें 10 सफेद घोड़े खींचते हैं।
- मंगल का रथ सुनहरा है। उसमें 8 रक्तवर्ण के अश्व जुड़े होते हैं।
- बुध के घोड़े में 8 पीतवर्ण अश्व होते हैं। गरुड पुराण के अनुसार रथ और अश्व दोनों भूरे होते हैं।
- देवगुरु बृहस्पति का रथ सुनहरा होता है। उसे 8 घोड़े खींचते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार ये घोडे पीले रंग के होते हैं।
- दैत्यगुरु शुक्राचार्य का रथ चाँदी का बना होता है। जिसे 10 सफेद घोड़े खींचते हैं।
- शनि महाराज लोहे के रथ पर आरुढ होते हैं और उसे रंगबिरंगे घोड़े खींचते हैं। ऐसा मत्स्यपुराण में कहा गया है किन्तु विष्णु धर्मोत्तर पुराण में 8 घोड़े कहे गए हैं और रथ रंगबिरंगा है।
- राहु का रथ धूमिल है और उसे काले घोड़े खींचते हैं किन्तु विष्णुधर्मोत्तर पुराण में रथ चांदी का है। गरुड पुराण में धुएं के रंग के 8 घोड़े होते हैं।
- केतु का रथ विष्णु पुराण के अनुसार धुएं के रंग के 8 घोड़े खींचते हैं। जबकि विष्णुधर्मोत्तर में घोड़ो की संख्या 10 है। गरुड़ पुराण के अनुसार केतु के रथ में 8 लाल रंग के घोड़े जुड़े होते हैं।
- इंद्र देव के सारथि मातलि उनका 1,000 घोड़ों का रथ संचालित करते हैं।
- अग्नि देव का रथ वायु द्वारा संचालित होता है। ऐसा विष्णुधर्मोत्तर में कहा गया है, जिसे 4 तोते खींचते हैं। ये तोते 4 वेदों के स्वरुप हैं ऐसा महाभारत में कहा गया है।
- वरुण देव का रथ 7 हंस खींचते हैं, ऊपर सफेद छत्र लगा होता है और मकर के चिन्ह से मण्डित पताका फहराती है।
- कुबेर दिगपाल उनके पास कई विमान हैं। मत्स्य एवं वायु पुराणों के अनुसार पुष्पक विमान उनकी सवारी है। जिस पर विराजमान होकर श्री राम का लंका से अयोध्या आना सर्वविदित है।
Created On :   20 Jun 2018 4:24 PM IST
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