Som Pradosh Vrat: कब है प्रदोष व्रत? जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा की विधि

कब है प्रदोष व्रत? जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा की विधि
  • आषाढ़ मास में त्रयोदशी तिथि 23 जून को है
  • प्रदोष व्रत के साथ सोमवार का शुभ संयोग है
  • दो गाय के दान के बराबर पुण्य फल मिलता है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (त्रयोदशी तिथि) का काफी महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। सप्ताह में जिस दिन यानी कि वार को यह व्रत आता है, इसे उसी के नाम से जाना जाता है। फिलहाल आषाढ़ मास चल रहा है और यह व्रत सोमवार को आने वाला है ऐसे में इसे सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat) के नाम से जाना जाएगा। अंग्रेजी कैलेंडर क अनुसार, यह व्रत 23 जून को है।

चूंकि, सोमवार का दिन भोलेनाथ के लिए सबसे प्रिय और पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है। ऐसे में प्रदोष व्रत पर यह शुभ संयोग माना जा रहा है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस शुभ दिन पर व्रत करने और विधि विधान के साथ पूजा करने से दो गाय के दान के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

तिथि कब से ​कब तक

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 23 जून 2025, सोमवार की रात 1 बजकर 21 (AM) मिनट से

त्रयोदशी तिथि समापन: 23 जून 2025, सोमवार की रात 10 बजकर 9 मिनट (PM) तक

पूजा विधि

- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।

- इसके बाद भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत का संकल्प लें।

- घर के मंदिर की सफाई कर पूजा करें या शिवालय जाकर उपासना करें।

- आप पूरे दिन मन ही मन "ऊँ नम: शिवाय" का जप करें और निराहार रहें।

- इसके बाद प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी की पूजन करें।

- ध्यान रहे कुश के आसन पर बैठकर शिव जी की पूजा पूर्ण विधि-विधान से करें।

- "ऊँ नम: शिवाय" कहते हुए शिव जी को पतली धार से जल अर्पित करें।

- इसके बाद अपने दोनों हाथ जो‌ड़कर शिव जी का ध्यान करें।

- सोम प्रदोष व्रत की कथा सुनें चाहिए अथवा सुनाएं।

- कथा समाप्ति के बाद हवन सामग्री मिलाकर 11, 21, 51 या 108 बार "ऊँ ह्रीं क्लीं नम: शिवाय स्वाहा" मंत्र से आहुति दें।

- पूजा के अंत में शिव जी की आरती कर सभी भक्त जनों को आरती दें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   21 Jun 2025 2:44 PM IST

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