Yogini Ekadashi 2025: 19 साल पर योगिनी एकादशी पर बन रहा महासंयोग, जानिए पूजा का मुहूर्त और विधि

- योगिनी एकादशी 24 एकादशियों में से एक है
- यह आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है
- यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में एकादशी का अत्यधिक महत्व है, जो हर महीने में दो बार आती है। ऐसा माना जाता है कि, एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। फिलहाल, आषाढ़ मास चल रहा है और इसके कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह एकादशी 21 जून 2025, शनिवार को पड़ रही है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के आज्ञाचक्र में निवास करने वाली योग माया देवी जिन्हें योगिनी भी कहते हैं वह जागृत होती। मान्यता है कि, योगिनी एकादशी का व्रत रखने से 1 लाख ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना फल मिलता है। आइए जानते हैं पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में...
19 साल बाद बन रहा शुभ संयोग
जयोतिष की दृष्टि से 21 जून का दिन साल में सबसे लंबा होगा जब सूर्य जल्दी उदय होगा और देर से अस्त होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, पूरे 19 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब योगिनी एकादशी और साल का सबसे बड़ा दिन एक ही दिन बन रहा है।
तिथि कब से कब तक
एकादशी तिथि आरंभ: 21 जून 2025, शनिवार की सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर
एकादशी तिथि समापन: 22 जून 2025, रविवार की सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर
पारण का समय: 22 जून की दोपहर 1 बजकर 47 मिनट से शाम 4 बजकर 35 मिनट तक
व्रत की विधि
- इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और नित्यक्रमादि से निवृत्त होकर स्नान करें
- घर में पूजा के स्थान को साफ करें और मंदिर में दीपक जलाएं
- भगवान विष्णु का ध्यान करें और मंत्र पढ़ते हुए पूजा प्रारंभ करें और उन्हें जलाभिषेक कराएं
- भगवान विष्णु का श्रृंगार करें और नए वस्त्र धारण कराएं
- पूजा में पीले फूल, पंचामृत और तुलसी पत्र जरुर रखें
- भगवान विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगाएं, भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें
- अब भगवान और मां लक्ष्मी की आरती करें।
इन मंत्रों का जाप करें
विष्णु गायत्री मंत्र – ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
विष्णु मंगल मंत्र– मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   19 Jun 2025 5:12 PM IST