Ashadh Maas Upay: इस महीने में क्या करें और क्या ना करें? यहां जानें

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ कई मायनों में खास माना जाता है। इस महीने में भी देवशयनी एकादशी आती है जब देव पूरे 4 महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस महीने में भगवान विष्णु की आराधना का बड़ा महत्व है। साथ ही इस माह में भगवान सूर्य की पूजा का बड़ा महत्व बताया गया है। स्कंद पुराण के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा करने से सभी तरह की बीमारियां दूर होती हैं।
ऐसी मान्यता है कि, आषाढ़ माह में रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से भक्तों को अपनी ही तरह तेज और सकारात्मक शक्ति प्रदान करते हैं। वहीं सूर्य देव की पूजा करने से किसी भी ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है। आइए जानते हैं इस महीने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना और गरीबों को दान देना फलदायी होता है।
- आषाढ़ में मानसून के कारण पाचन कमजोर हो सकता है, इसलिए सात्विक और सुपाच्य भोजन करना चाहिए।
- आषाढ़ में योग, ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
- गुरु पूर्णिमा आषाढ़ में ही मनाई जाती है, इसलिए गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए।
- वस्त्र, अनाज, और जल का दान करना शुभ माना जाता है।
आषाढ़ माह में क्या न करें:
- आषाढ़ में देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाता है, जिसमें विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते।
- मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन:
- इस महीने में मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
- पाचन को बेहतर रखने के लिए अधिक तेल-मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   16 Jun 2025 10:49 PM IST