जानें क्या है पंचक नक्षत्र, भूलकर भी ना करें पंचक में ये काम

जानें क्या है पंचक नक्षत्र, भूलकर भी ना करें पंचक में ये काम

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नक्षत्रों को 27 भागों में बांटा गया है। धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से रेवती तक के नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। कल से धनिष्ठा नक्षत्र के साथ ही पंचक की शुरुआत होने जा रही है। पंचक 5 खास नक्षत्रों में लगता है धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र। पंचक के समय किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करना वर्जित रहता है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक नक्षत्र को अशुभ माना जाता है। पंचक की गणना चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर रहती है। इसलिए कुछ काम ऐसे बताए गए हैं जिन्हें पंचक नक्षत्र में भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

 


भूलकर भी ना करें पंचक में ये काम

  • पंचक में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए और उसका अंतिम संस्कार ठीक ढंग से ना हुआ हो तो पंचक दोष लग जाता है। इसकी जानसंपूर्ण जानकारी गरुढ़ पुराण में दी गई है।
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  • अंतिम संस्कार के समय शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले अर्थी के साथ रख दें, और शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करें।
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  • हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार पंचक के दिनों में चारपाई बनवाना शुभ नहीं होता, इस समय में चारपाई बनवाना किसी बड़े संकट को बुलावा देता है।
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  • अग्नि पंचक के समय धनिष्ठा नक्षत्र हो तो उस समय घर या आस-पास के क्षेत्र में लकड़ी, घास या फिर जलाने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आग लगने का भय बना रहता है।
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  • पंचक में रेवती नक्षत्र चल रहा हो तो घर का निर्माण या फिर ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। यदि पंचक में इनमें से कोई भी शुभ कार्य किया जाता है तो घर में ग्रह क्लेश या फिर धन की हानि होती है।

Created On :   10 April 2018 11:07 AM IST

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