नर्मदा जयंती 2021: इस मुहूर्त में करें पूजा, जीवन में आएगी शांति और समृद्धि

Narmada Jayanti 2021: Worship in this Muhurta, know importance of this jayanti
नर्मदा जयंती 2021: इस मुहूर्त में करें पूजा, जीवन में आएगी शांति और समृद्धि
नर्मदा जयंती 2021: इस मुहूर्त में करें पूजा, जीवन में आएगी शांति और समृद्धि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को प्रतिवर्ष नर्मदा जयंती या नर्मदा जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार यह 19 फरवरी 2021 (शुक्रवार) को मनाया जा रहा है। इस दिन भक्त नर्मदा नदी की पूजा आराधना करते हैं जो उनके जीवन में शांति और समृद्धि लाती हैं। ऐसा माना जाता है कि नर्मदा जी की परिक्रमा करने से ही ऋद्धि-सिद्धी की प्राप्ती होती है। मां नर्मदा को अलौकिक और पुण्यदायिनी भी कहा गया है। 

नर्मदा जी अमरकंटक से प्रवाहित होकर रत्नासागर में समाहित हुई हैं और अनेक जीवों का उद्धार भी किया है। ऐसा कहा जाता है कि, जो गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं वहीं पुण्य नर्मदा नदी में स्नान से भी ​मिलती है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व...

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मुहूर्त 
सप्तमी तिथि आरंभ- 18 फरवरी, गुरुवार सुबह 8 बजकर 17 मिनट बजे से
सप्तमी तिथि समाप्त- 19 फरवरी, शुक्रवार सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर

कथा
नर्मदा जयंती को मनाने के पीछे एक कथा भी है, जिसके अनुसार एक बार भगवान शंकर लोक कल्याण के लिए तपस्या करने मैकाले पर्वत पहुंचे। उनके पसीने की बूंदों से इस पर्वत पर एक कुंड का निर्माण हुआ। इसी कुंड में एक बालिका उत्पन्न हुई। जो शांकरी व नर्मदा कहलाई। शिव के आदेशानुसार वह एक नदी के रूप में देश के एक बड़े भूभाग में आवाज करती हुई प्रवाहित होने लगी। रव करने के कारण इसका एक नाम रेवा भी प्रसिद्ध हुआ। मैकाले पर्वत पर उत्पन्न होने के कारण वह मैकाले सुता भी कहलाई।

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वहीं एक अन्य कथा के अनुसार, एक बार चंद्रवंश के राजा हिरण्यतेजा को पितरों को तर्पण करते हुए यह अहसास हुआ कि उनके पितृ अतृप्त हैं। उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की तथा उनसे वरदान स्वरूप नर्मदा को पृथ्वी पर अवतरित करवाया। भगवान शिव ने माघ शुक्ल सप्तमी पर नर्मदा को लोक कल्याणार्थ पृथ्वी पर जल स्वरूप होकर प्रवाहित रहने का आदेश दिया। नर्मदा द्वारा वर मांगने पर भगवान शिव ने नर्मदा के हर पत्थर को शिवलिंग सदृश्य पूजने का आशीर्वाद दिया तथा यह वर भी दिया कि तुम्हारे दर्शन से ही मनुष्य पुण्य को प्राप्त करेगा। इसी दिन को हम नर्मदा जयंती के रूप में मनाते हैं।

Created On :   18 Feb 2021 5:33 AM GMT

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