शिक्षा: जर्जर बिल्डिंगों और बिना बाउंड्रीवाल के स्कूलों में शुरु हुआ नया शिक्षण सत्र, तिलक लगाकर किया छात्रों का स्वागत

जर्जर बिल्डिंगों और बिना बाउंड्रीवाल के स्कूलों में शुरु हुआ नया शिक्षण सत्र, तिलक लगाकर किया छात्रों का स्वागत
  • सुविधाओं के अभाव में शुरू हुआ नया शिक्षण सत्र
  • जर्जर अवस्था में स्कूलों की बिल्डिंगें
  • हर समय मंडरा रहा बड़ा हादसा होने का खतरा

डिजिटल डेस्क, सिवनी। सोमवार से नए शिक्षण सत्र की शुरुआत हो गई। स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा सत्र के पहले महीने में कई गतिविधियां चलाने के आदेश दिए हैं। इसमें प्रवेशोत्सव से लेकर रिवीजन और खेल-खेल में शिक्षा जैसे प्रयोग शामिल हैं। जिले की बात करें तो नए शिक्षण सत्र में हो रहे इन नवाचारों के अलावा स्थिति में खास परिवर्तन नहीं आया है। बीते साल छात्रों को पूरे सत्र में यूनीफार्म नहीं मिल सकी। बात यहीं पर खत्म नहीं होती है। आलम यह है कि डेढ़ सौ से अधिक स्कूल बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हैं। वहीं 1100 से अधिक स्कूलों में बाउंड्री वाल नहीं है।

हो रहे हैं नए प्रयोग

सोमवार से नया शिक्षण सत्र शुरु हो गया। इस पूरे महीने छात्रों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए कई गतिविधियां कराने के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग लोक शिक्षण संचालनालय ने दिए हैं। पहले दिन स्कूलों में बच्चों को तिलक लगाकर स्वागत किया गया। स्कूलों में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। जिसमें सीएम राइज, पीएम श्री, स्मार्ट क्लास, कबाड़ से जुगाड़ और दूसरे प्रयोग शामिल हैं लेकिन हकीकत यह है कि स्कूली शिक्षा में न तो किसी तरह का सुधार नजर आ रहा है ना ही निकट भविष्य में किसी सुधार की संभावना नजर आ रही है। जिले में हालात ये हैं कि जिले में 3 हजार स्कूलों में से 170 से अधिक स्कूलों की बिल्डिंगों को या तो जर्जर घोषित किया जा चुका है या उनमें मरम्मत की जरूरत है। इन बिल्डिंगों को डिसमेंटल किए जाने या फिर मरम्मत के लिए प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजे गए हैं।

कहीं हो न जाए कोई हादसा

जिले में कई स्कूल बिल्डिंगेंं ऐसी हैं जो कभी भी किसी हादसे का शिकार बन सकती हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों की हालत और भी खराब है। घंसौर, उगली, केवलारी क्षेत्र में दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जो कभी भी किसी गंभीर हादसे का कारण बन सकते हैं।

बारिश में टपकती है छत

घंसौर तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पहाड़ी के ग्राम प्राथमिक शाला सलामलीटोला के जर्जर भवन में छात्र-छात्राएं पढऩे को मजबूर हैं। स्कूल की यह बिल्डिंग लगभग दो दशक पुरानी है। स्कूल भवन काफी जर्जर हो चुका है। हालत यह है कि छत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। कभी भी छत से गिट्टी सीमेंट गिरने लगती है। बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने लगता है। उदाहरण और भी हैं।

उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश उत्सव

सोमवार को नए शिक्षण सत्र के पहले दिन शासकीय उत्कृष्ट स्कूल में प्रवेशोत्सव मनाया गया। जिसमें प्राचार्य एससी सिंह तथा वरिष्ठ शिक्षक पीपी पांडे ने तिलक लगाकर बच्चों को नए सत्र की बधाई दी और पढ़ाई से संबंधित प्रेरणादायक उद्बोधन दिया। इस अवसर पर समस्त विद्यालय स्टाफ ने भी बच्चों को तिलक लगाया।

इनका कहना है

जिले में क्षतिग्रस्त स्कूल बिल्डिंगों की मरम्मत और निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं। इन स्कूलों की मरम्मत के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद मरम्मत कराई जाएगी।

- महेश बघेल, डीपीसी, सिवनी

Created On :   1 April 2024 6:38 PM GMT

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