Russian Crude Oil: 'रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में दिक्कत' भारतीय विदेश मंत्री ने रूस से तेल खरीदने को लेकर कही ये बात

- अमेरिका से व्यापार मुद्दे पर बातचीत में आ रही अड़चन
- ट्रंप के रूसी कच्चे तेल खरीद वाले बयान का विदेश मंत्री ने किया पलटवार
- तेल के भाव बढ़ने से दुनिया में बढ़ी थी चिंता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर दूरियां देखने को मिल रही है। इसी बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस से तेल खरीदने को लेकर बयान दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी तेल खरीद राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों हित में है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिका से बातचीत करने के लिए व्यापार मुद्दा बीच में अड़चन बन रहा है, लेकिन भारत हमेशा स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना जारी रखेगा। उन्होंने देश की ऊर्जा सुरक्षा पर जोर देते हुए रूसी तेल की खरीद पर आलोचनाओं का पलटवार किया है।
व्यापार करने के लगे आरोप
विदेश मंत्री ने कहा, "यह हास्यास्पद है कि व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लोग दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं। अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में दिक्कत है, तो मत खरीदो। कोई आपको इसके लिए मजबूर नहीं कर रहा। यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है। अगर आपको नहीं पसंद, न खरीदें।" उनका ये बयान उस समय सामने आया है, जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापार डील पर तनाव जैसी स्थिति पैदा हो हुई हैं।
बता दें कि अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया गया है, इसमें से 25 प्रतिशत 7 अगस्त से लागू हो गया है और 25 फीसदी जुर्माने के तौर पर लगाया गया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
रूस से तेल खरीदने की बताई वजह
जयशंकर ने साल 2022 में बढ़ी तेल की कीमतों को लेकर कहा कि इस दौरान पूरी दुनिया में चिंता बढ़ने लग गई थी। उस वक्त कहा था कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना चाहता है तो खरीदने दें, क्योंकि इस वजह से कीमतें स्थिर हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत का तेल खरीदने का उद्धेश्य बाजारों को शांत करना होता है। हम कीमतों के यथावत बनाए रखने के लिए रूस से तेल खरीदते हैं। जो राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर दोनों के लिए लाभदायक होता है।
Created On :   23 Aug 2025 7:44 PM IST