QUAD Organization: टैरिफ विवाद के बीच जापान जाएंगे पीएम मोदी, क्या क्वाड समूह पर पड़ेगा दौरे का असर?

टैरिफ विवाद के बीच जापान जाएंगे पीएम मोदी, क्या क्वाड समूह पर पड़ेगा दौरे का असर?
  • क्वाड (QUAD) समूह के भविष्य को लेकर उठ रहे सवाल
  • अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बाइडन ने संगठन को आगे बढ़ाने का किया काम
  • जापान दौरे पर कल से रहेंगे पीएम मोदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी टैरिफ तनाव के बीच भारत और चीन के बीच नजदीकियां बढ़ रही है। इस बीच जापान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का आयोजन हो रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो रहे हैं। पीएम मोदी तीन दिवसीय जापान के दौरे पर रहेंगे। चीन और भारत से बढ़ती नजदीकियों के बीच जापान से भी इस बैठक में रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं। जिसके चलते अब क्वाड (QUAD) समूह के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इसमें अमेरिका भी शामिल है।

क्वाड समूह का गठन 2007 में किया गया था, लेकिन साल 2017 तक यह रहा है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में इस समूह में जान डाली। इसके बाद जो बाइडेन की सरकार ने भी इसे आगे बढ़ाने का काम किया है। बाइडेन सरकार के नेतृत्व में इस संगठन को 2021 में नेताओं तक विस्तार किया गया था।

क्वाड को लेकर ये हो रही बातें

क्वाड समूह में अमेरिका भी शामिल है। जिस वजह से माना जा रहा है कि टैरिफ के मसले पर क्वाड में भी अमेरिका को लेकर तल्खी हो सकती है। आपको बता दें कि क्वाड समूह अगली बैठक भारत में ही हो सकती है। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान यात्रा पर जाने वाले हैं। उससे पहले विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा, "भारत क्वाड समूह को बहुत महत्व देता है, जिसे अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद इंडो-पैसिफिक में चीन के काउंटर के रूप में देखा जाता है।"

मिस्त्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत जारी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्वाड देशों के साथ अपने सहयोग को विस्तृत करने के लिए बहुत उत्सुक है। उन्होंने आगे कहा कि इस समूह का मुख्य लक्ष्य महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग करना है। जो भारत और जापान के लिए प्राथमिकता है। बता दें कि इस समूह का आयोजन भारत इसी साल के अंत में करने वाला है।

क्वाड में कौन-कौन देश है शामिल?

इस समूह की नींव साल 2007 में पहली बार जापान के तात्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखी थी। हालांकि, उस वक्त इसका विस्तार नहीं हो सका, लेकिन साल 2017 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान ने एक साथ मिलकर इसका गठन किया । इसका मुख्य उद्धेश्य मुक्त, स्पष्ट और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करना और उसका समर्थन करना होता है।

Created On :   27 Aug 2025 7:12 PM IST

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