डॉलर के प्रभुत्व को ब्रिक्स देशों की चुनौती: पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर अमेरिकी व्हाइट हाउस ने दी प्रतिक्रिया, ट्रंप भारत से व्यापार असंतुलन को लेकर बहुत स्पष्ट

पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर अमेरिकी व्हाइट हाउस ने दी प्रतिक्रिया, ट्रंप भारत से व्यापार असंतुलन को लेकर बहुत स्पष्ट
  • पीएम मोदी आखिरी बार 2018 में गए थे चीन
  • 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद मोदी पहली बार चीन
  • ट्रंप का दावा डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती दे रहे हैं ब्रिक्स देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी व्हाइट हाउस ने ट्रंप के भारत पर टैरिफ लागू करने के बाद पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका-भारत संबंधों पर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट कहते हैं, .यह ट्रंप प्रशासन की वास्तविक चिंताओं के बारे में एक ईमानदार, पूर्ण और स्पष्ट बातचीत है, जिसे राष्ट्रपति ने बहुत स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है। अपने कार्यों के माध्यम से उन चिंताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने उनके बारे में बात की है, चाहे वह रूसी तेल की खरीद के बारे में हो या व्यापार असंतुलन के बारे में। उन चिंताओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति बहुत स्पष्ट रहे हैं। अंततः, यह एक स्पष्ट और पूर्ण बातचीत के बारे में है। अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने का यही अर्थ है, भागीदारों के साथ पूर्ण कूटनीतिक बातचीत का यही अर्थ है ताकि उन चिंताओं को दूर किया जा सके जिनका हमें समाधान देखना है।

व्हाइट हाउस में विदेश विभाग के प्रिसिंपल उपप्रवक्ता टॉमी पिगॉट से जब पूछा गया कि पीएम मोदी 7 साल में पहली बार चीन जा रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ब्राजील और चीन जैसे देशों पर अमेरिकी टैरिफ की आलोचना की है। क्या आप चिंतित हैं कि टैरिफ के खिलाफ BRICS एकजुट हो रहा है? इस पर पिगॉट ने रिएक्शन देते हुए कहा राष्ट्रपति ट्रंप भारत से व्यापार असंतुलन को लेकर बहुत स्पष्ट हैं, विशेष रूप से रूस से तेल खरीदने के संदर्भ में। ट्रंप ने एक्शन भी लिया है। और भारत पर टैरिफ लागू कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर रूस से तेल खरीदने के लिए निशाना साधा है और अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा है कि ब्रिक्स देश डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती दे रहे हैं।

पिगॉट ने आगे यह भी कहा कि भारत हमारा स्ट्रैटेजिक पार्टनर है, जिनके साथ हमारे अच्छे और दोस्ताना संबंध हैं, जो हमेशा जारी रहेंगे। जैसे की विदेश नीति में भी होता है, आपर हमेशा अपने साझेदार देश के साथ 100 फीसदी सहमत नहीं हो सकते।

भारत के रूस से सस्ता तेल खरीदने पर ट्रंप ने आपत्ति जताई थी। ट्रंप चाहता है कि भारत रूस से तेल ना खरीदे, इसके लिए ट्रंप यूक्रेन का सहारा ले रहा है। ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर आर्थिक रूप से रूस-यूक्रेन जंग में रूस का समर्थन कर रहा है। ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने से अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया था।

पीएम मोदी इस महीने के अंत में जापान और चीन की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच चीन के तियानजिन शहर में आयोजित होने वाली SCO समिट में शामिल होंगे। भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान एससीओ में 9 देश शामिल है। ट्रंप के टैरिफ के बाद शंघाई सहयोग संगठन में भारत की आतंकवाद के प्रति सख्त नीति को लेकर स्थिति कमजोर पड़ सकती थी। क्योंकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जून के महीने में चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षामंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने आतंकवाद से जुड़ी एक नीति पर साइन करने से मना कर दिया था।

Created On :   8 Aug 2025 9:33 AM IST

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