सबको सहयोग ही स्वयं की मदद - पंकज राय

Everyones Collaboration is my own Collaboration - Pankaj Rai
सबको सहयोग ही स्वयं की मदद - पंकज राय
सबको सहयोग ही स्वयं की मदद - पंकज राय

“जो कोई करै सो स्वार्थी,अरस परस गुन देत
बिन किये करै सो सूरमा,परमारथ के हेत”

डिजिटल डेस्क, भोपल। अपने किसी काम के बदले में जो ,दूसरे की मदद करता है वह स्वार्थी है, लेकिन निस्वार्थ भाव जो व्यक्ति से बिना किसी फल प्राप्ति के दूसरों की मदद करता है, सही अर्थों में वही परमार्थी एवं बलशाली है। व्यवसाय एवं मदद में अंतर होता है।

एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं। अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था, अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ। किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया, सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया।किसान तो उसे दफनाने की सोच रहा था परंतु बैल सोच रहा था कि किसान और गांव के सभी लोग उसकी मदद कर रहे है।

अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते, वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर निकल आया। किसान की ख़ुशी का तो जैसे कोई ठिकाना ही ना रहा हो।

ध्यान रखे आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी ,बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि, आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा, कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा, कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे।

ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने व्यक्तिव्य एवं अस्तित्व्य का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है।

आइए जानने की कोशिश करें कि आपके भीतरक्या होता है जब आप निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करते हैं। 

  • दूसरों की मदद करने की आदत आपको सक्षम एवं समर्थ बनने के लिए प्रेरित करती है। 
  • आपकी दूसरों पर निर्भरता धीरे-धीरे कम हो जाती हैएवं आत्म निर्भरता बढ़ती जाती है। 
  • जब भी कभी आपको किसी समूह में एवं किसी के साथ मिलजुल कर कार्य करना होता है तो आप असहज महसूस नहीं करते हैं।
  • आपके अंदर कृतज्ञता की भावना बलवती होती है। 
  • खुशी संक्रामक होती है, जब आप दूसरे की मदद करते हैं तो इससे जो आनंद का वातावरण निर्मित होता है वह आपको खुश रखने में बहुत मदद करता है । 
  • बिना किसी अपेक्षा के सहयोग की भावना आपके आसपास एक सकारात्मक ऊर्जा का आवरण निर्मित करती है जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है।

कोरोना  के खिलाफ जंग में यदि:

  • अगर आप घर पर हैं तो आप सब को सहयोग कर रहे हैं । 
  • अगर आप सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं तो सबको सहयोग कर रहे हैं । 
  • अगर आप साफ सफाई का विशेष ध्यान रख रहे हैं तो आप सब को सहयोग कर रहे हैं। 
  • यदि आप मास्क का उपयोग कर रहे हैं तो सबकी मदद कर रहे हैं।
  • अगर आप किसी भी स्थान पर भीड़ की स्थिति निर्मित नहीं होने दे रहे हैं तो सबको सहयोग कर रहे हैं। 
  • अपने दैनिक जीवन में यदि आप स्वयं के प्रति जागरूक हैं तो आप सबकी मदद कर रहे हैं।

सकारात्मक रहे.. सकारात्मक जिए!

धन्यवाद
पंकज राय
(अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर ,लेखकएवं मनोवैज्ञानिक )
M  +919407843111
 

Created On :   9 April 2020 12:15 PM GMT

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