वुमन एम्पावरमेंट और चाइल्ड राइट्स के लिए इंडिया की जर्नी पर अंश और मनदीप

traveling to whole India for Woman Empowerment and Child Rights
 वुमन एम्पावरमेंट और चाइल्ड राइट्स के लिए इंडिया की जर्नी पर अंश और मनदीप
 वुमन एम्पावरमेंट और चाइल्ड राइट्स के लिए इंडिया की जर्नी पर अंश और मनदीप

डिजिटल डेस्क  जबलपुर। बाइक पर पूरे कंट्री की जर्नी पर निकलने वाले कई राइडर्स के बारे में आपने पढ़ा या देखा होगा, लेकिन आज हम जिन राइडर्स की बात करने जा रहे हैं, वो निकले तो पूरे देश की जर्नी पर हैं, लेकिन सिर्फ जर्नी ही लक्ष्य नहीं है। मकसद है चाइल्ड राइट्स, एजुकेशन, वुमन एम्पॉवरमेंट के साथ रोड सेफ्टी के प्रति लोगों को जागरूक करना और खास बात यह है कि ये राइडर्स अपने मकसद को पूरा करने शहरों, नगरों, कस्बों में जाकर कुछ दिन रुकते हैं, वहाँ की शैक्षणिक-सामाजिक संस्थाओं से मिलकर लोगों को अवेयर करने इवेंट भी कंडक्ट कराते हैं। हम बात कर रहे हैं 38 वर्षीय अंश पी. और 20 वर्षीय मनदीप की। दिल्ली निवासी दोनों ही राइडर्स इस वर्ष 2 अक्टूबर को इस सफर पर निकले हैं और अब तक केंद्र शासित प्रदेश मिलाकर कुल 14 राज्यों के लगभग 50 शहरों में गए हैं, फिलहाल इस टीम का पड़ाव जबलपुर है। सिटी भास्कर से खास बात-चीत में राइडर्स ने इस जर्नी का एक्सपीरियंस शेयर किया। 
 

तीन तरीके से करते हैं अवेयर

अंश ने बताया कि स्कूल-कॉलेजों में जाकर हम तीन हिस्सों में काम करते हैं, पहला स्कूल प्रबंधन से बच्चों के राइट्स के बारे में बताते हैं। दूसरा बच्चों से बात करते हैं, उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से कैरियर चुनें। तीसरे काम में पैरेंट्स से मुलाकात करते हैं और उन्हें इस बात के लिए गाइड करते हैं कि बच्चों को टोकने की बजाय उनके लिए बेहतर माहौल बनाएँ। राइडर्स ने बताया कि वुमन एम्पॉवरमेंट के लिए हम महिलाओं की बजाय पुरुषों से मिलते हैं, क्योंकि महिलाएँ सशक्त हैं, जरूरत है कि पुरुष अपना नजरिया बदलें।
 

जर्नी में क्या देखा

  • राजस्थान और पंजाब में गल्र्स के प्रति सोच में बदलाव हुआ है।
  • महाराष्ट्र में महिला राइडर्स से मिले, लातूर में अपने स्पेशल चाइल्ड को राइडिंग सिखाती शिल्पा से मुलाकात हुई।
  • बाड़मेर में रोशनी मिलीं, जो 22 वर्ष से पैरालाइज्ड अपनी माँ की सेवा में जुटीं हैं और घर संभाल रहीं हैं।

 

जबलपुर के बाद अब रायपुर

यह टीम नागपुर से जबलपुर पहुँची और करीब 1 हफ्ता रुकी। यहाँ पर वृद्धाश्रम, एजुकेशनल इंस्टीटयूट्स गए। कुछ पुराने राइडर्स से मुलाकात हुई। अब राइडर्स रायपुर का रुख करेंगे। अंश पेशे से कॉर्पोरेट ट्रेनर हैं और राइडिंग उनका पैशन है। अब तक वे गोवा, केरल, राजस्थान, लद्दाख, स्पीति की जर्नी कर चुके हैं। मंदीप जर्नलिज्म स्टूडेंट हैं।
 

कुछ खास

  • अंश कहते हैं कि यह संभवत: पहली ऐसी राइड होगी जो देश के सभी 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में जाएगी।
  • 20 साल के मंदीप इंडिया के सबसे यंग राइडर्स में एक हैं जो पूरे इंडिया में जाएँगे।
  • पूरी जर्नी के बाद, जर्नी में उपयोग हुई बाइक को किसी महिला राइडर को गिफ्ट किया जाएगा।
  • जर्नी के दौरान ग्रो-प्रो और इंटरकॉम जैसी टेक्नोलॉजी भी उपयोग की जा रही है।
     

Created On :   22 Dec 2018 8:21 AM GMT

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