नकली कीटनाशक: खरपतवार नाशक के नमूने घटिया पाए गए, विदिशा, देवास और धार में डिफॉल्टर कंपनी पर एफआईआर

- लगभग 12 जिलों में घटिया सामग्री पहुंचाने का है आरोप
- मंत्री ने किसानों से की क्लोरिम्यूरॉन एथिल बैच संख्या KE-04 का उपयोग नहीं करने की अपील
डिजिटल डेस्क, भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों विदिशा के किसानों के खेतों में जाकर औचक निरीक्षण करने पर नकली खरपतवार नाशक (नकली क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25% WP) से फसल खराब होना पाया गया। इसके बाद चौहान ने जांच के आदेश दिए। जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने किसानोंं को नकली खरपतवार नाशक बेचा, जिससे किसानों की फसले चौपट हो गई। रिपोर्ट के बाद बुधवार को डिफॉल्टर कंपनी एचपीएम केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लि दिल्ली के खिलाफ विदिशा (ग्रामीण), देवास (कन्नौद), धार (बदनावर) में एफआईआर दर्ज की गई। आरोपी कंपनी का नकली उत्पाद बेचने वाले डीलरों के लाइसेंस भी निलंबित किए गए। चौहान के निर्देश के बाद आरोपी कंपनी के बचे स्टॉक की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
जांच में पाया गया है कि क्लोरिम्यूरॉन एथिल नामक खरपतवार नाशक के छिड़काव से सोयाबीन की फसल खराब हुई है। जांच में नकली उत्पाद की पुष्टी के बाद केंद्रीय मंत्री चौहान ने देशभर में आकस्मिक छापेमारी के निर्देश भी दिए। कृषि विभाग के अनुसार इस कंपनी ने प्रदेश भर में उत्पाद बेचा है, इसमें 12 जिलों में नकली क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25% WP बैच संख्या KE-04 बेचा है, जिससे किसानों की फसल खराब हुई है। एफअाईआर में कंपनी के क्वालिटी कंट्रोल के अनीस कुमार पांडे, गंगाराम, अश्विनी कुमार को आरोपी बनाया गया है। केमिकल सर्टिफिकेट पर साइन करने वाले सुधीर पंचारिया और सीजीओ अशोक अग्रवाल को भी कीटनाशक अधिनियम की धाराओं में आरोपी बनाया गया है।
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25% WP घटिया गुणवत्ता का है और यही फसल के नुकसान का कारण है। प्रभावित इलाकों में जिन डीलरों ने यह खराब गुणवत्ता वाला खरपतवार नाशक उत्पाद बेचा था, उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। चौहान ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए कि जब तक सभी जांच परिणाम नहीं आ जाते, डिफॉल्टर कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस तत्काल निलंबित करें। साथ ही किसानों से भी अपील की है कि वे क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25% WP (बैच संख्या KE-04) का उपयोग नहीं करें।
Created On :   21 Aug 2025 11:19 AM IST