कर्नाटक के स्कूलों में अब नहीं पढ़ाई जाएगी आरएसएस संस्थापक की जीवनी

कर्नाटक के स्कूलों में अब नहीं पढ़ाई जाएगी आरएसएस संस्थापक की जीवनी
Swayamsevak Sangh founder Keshav Baliram Hedgewar.(photo:wikipedia)
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कांग्रेस के नेतृत्व वाली नवगठित कर्नाटक सरकार इस शैक्षणिक वर्ष में स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों से आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार की जीवनी को हटाने की योजना बना रही है। साथ ही शिक्षकों को भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में सिलेबस में शामिल अन्य सामग्रियों को भी न पढ़ाने का निर्देश जारी करने का फैसला किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार इस संबंध में जल्द ही एक सर्कुलर जारी करेगी। दक्षिणपंथी चक्रवर्ती सुलिबेले और विद्वान बन्नान्जे गोविंदाचार्य से जुड़ी सामग्रियां भी हटाई जाएंगी। चूंकि 2023-24 शैक्षणिक वर्ष की पाठ्यपुस्तकें पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं, सरकार पुनप्र्रकाशन का आदेश नहीं देगी, लेकिन शिक्षकों से इन पाठों को छोड़ने के लिए कहेगी।

सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा और प्रगतिशील विचारकों ने भाग लिया। शिक्षण, परीक्षा और मूल्यांकन प्रक्रिया से विवादास्पद और आपत्तिजनक पाठों को हटाने का भी निर्णय लिया गया है।

सिद्दारमैया ने निर्देश दिया कि भाजपा के कार्यकाल में जोड़ी गई विवादित सामग्रियों की जांच के लिए एक समिति गठित की जाए जो एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपे। आधिकारिक सर्कुलर जारी होने से पहले कैबिनेट में इस मामले पर चर्चा होने की संभावना है। इससे पहले, सिद्दारमैया ने स्पष्ट बयान दिया था कि छात्रों के दिमाग में जहर भरने वाली सामग्री को हटा दिया जाएगा।

भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता गणेश कार्णिक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि भाजपा सरकार द्वारा राष्ट्रहित में उठाए गए कदमों को खुले तौर पर वापस लेने, मना करने और रोकने के कदमों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

उन्होंने कहा, बिजली दरों में बढ़ोतरी, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) द्वारा किसानों को दी जाने वाली 1.50 रुपये की दूध सब्सिडी को वापस लेना, उत्पाद शुल्क में वृद्धि से पता चलता है कि कांग्रेस सरकार मध्य और उच्च मध्यम वर्ग की जेब से पैसा ले रही है। इसकी बहुत अधिक संभावना है कि किसान सम्मान निधि में राज्य सरकार का 4,000 रुपये का योगदान भी वापस ले लिया जाएगा।

भाजपा सरकार द्वारा पाठ्य पुस्तकों में बदलाव एनसीएफ के दिशा-निर्देशों के अनुसार किए गए थे। भाजपा 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को राज्य के ढांचे से एनसीएफ ढांचे में ले आई। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की सनक और पसंद के हिसाब से ऐसा नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, परिवर्तन एनसीईआरटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार होना चाहिए। कांग्रेस सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे। यह भारत के इतिहास से प्यार करने वाले लोगों के बड़े वर्ग की भावनाओं को भड़का रही है। हेडगेवार कांग्रेस पार्टी के सचिव थे। जब उन्होंने पाया कि उस पार्टी में भूमि और संस्कृति का कोई मोल नहीं है तो उन्होंने आरएसएस की स्थापना की।

गणेश कार्णिक ने कहा, यह आपका पतन है। यह युवाओं के साथ अन्याय है। सत्ता स्थायी नहीं है। नई कांग्रेस सरकार को, जो अब 420 सरकार है, अहंकार और देश को गलत रास्ते पर ले जाने की कीमत चुकानी होगी।

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Created On :   7 Jun 2023 5:04 PM IST

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