Delhi Blast Update: दिल्ली ब्लास्ट मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर को बनाया कथित रुप से आरोपी, इस संबंध में हो रही जांच

दिल्ली ब्लास्ट मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर को बनाया कथित रुप से आरोपी, इस संबंध में हो रही जांच
हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ गए हैं। यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर जावेद अहमद सिद्दिकी की फंडिंग से जुड़े मामले में प्रतवर्तन निदेशालय (ED) ने पड़ताल शुरु कर दी है।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियां छोटी-छोटी परतें कुरद रही हैं। इस मामले के तार अब हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ गए हैं। यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर जावेद अहमद सिद्दिकी की फंडिंग से जुड़े मामले में प्रतवर्तन निदेशालय (ED) ने पड़ताल शुरु कर दी है। क्योंकि इसी यूनिवर्सिटी से डॉक्टर शाहीन सईद और डॉक्टर मुजम्मिल शकील को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसी आधार पर सिद्दिकी को कथित रुप से मुख्य आरोपी बनाया गया है।

इस मामले में जा चुके है जेल

अहमद सिद्दिकी साढ़े सात करोड़ रुपए के धोखाधड़ी के मामले की वजह से विवादों में रह चुके हैं। इसके लिए उनको करीब तीन साल तक जेल में भी रहना पड़ा था। सिद्दिकी एक बड़े कॉर्पोरेट नेटवर्क हिस्सा भी है। इसका संचालान अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से करते हैं।

इस ट्रस्ट के तहत उनकी करीब 9 कंपनियां दर्ज हैं। ये कंपनियां शिक्षा, सॉफ्टवेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज और एनर्जी सेक्टर से संबंध काम करती है। जो ये सभी कंपनियां दिल्ली के एक पते पर दर्ज है। इनमें से ज्यादातर साल 2019 तक सक्रिय थी। इसके बाद उन्होंने कई कंपनियों को बंद कर दिया है।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की रखी नीव

यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ने देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर से बी. टेक किया हुआ हैं। इसके बाद लगभग 25 साल बाद वे दिल्ली-एनसीआर में सिफ्ट हो गए। जहां पर वे फरीदाबाद में निवास करने लगे। यहां आने के बाद उन्होंने शुरुआत में इंजीनियरिंग कॉलेज सर्च किया। जिसके कुछ दिन बाद उन्होंने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की नीव रखी।

  • 1997: अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना।
  • 2019: मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिली।
  • 2019: पहले बैच में एमबीबीएस की शुरुआत।
  • यूनिवर्सिटी परिसर में 650 बेड वाला मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी संचालित है।

ईडी इस मामले की कर रही जांच

ईडी के सूत्रों ने बताया कि यह जांच इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि क्या अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट और इससे संबंधित कंपनियों के जरिए फंड को डाइवर्ड किया गया है। या फिर मनी लॉन्ड्रिंग की गई हैं। जांच एजेंसियों को शक है इन चैनलों का इस्तेमाल करके दिल्ली ब्लास्ट को वित्तिय सहायात प्रदान की गई होगी। उन्होंने आगे बताया कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

Created On :   14 Nov 2025 2:03 AM IST

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