Delhi Terror Blast Update: दिल्ली आतंकी धमाके पर पुलिस ने किया बहुत बड़ा खुलासा, डॉक्टरों ने थ्रीमा के जरिए दिल्ली को उड़ाने की बनाई प्लानिंग, जानिए...

दिल्ली आतंकी धमाके पर पुलिस ने किया बहुत बड़ा खुलासा, डॉक्टरों ने थ्रीमा के जरिए दिल्ली को उड़ाने की बनाई प्लानिंग, जानिए...
फरीदाबाद स्थित अल-अलाह यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले तीनों डॉक्टरों ने धमाके की साजिश रचने का काम किया था। इसके लिए वे स्विस एप 'थ्रीमा' के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किले के पास हुए आतंकी धमाके से जुड़े नए-नए खुलासे लगातार हो रहे हैं। पुलिस ने अब इस हमले को आतंकियों ने जिसके जरिए अंजाम दिया है। उसका भंडाफोड़ करते हुए कहा कि फरीदाबाद स्थित अल-अलाह यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले तीनों डॉक्टरों ने धमाके की साजिश रचने का काम किया था। इसके लिए वे स्विस एप 'थ्रीमा' के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। यह जानकारी पुलिस ने गुरुवार को दी है। उन्होंने साफ करते हुए कहा कि इस धमाके में तीन संदिग्ध डॉ उमर उन नबी, डॉ मुजम्मिल गनई और डॉ शाहीन शाहिद कथित रुप से शामिल है। और ये एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप के जरिए आतंकी योजना बना रही थे।

आरोपियों ने ये जानकारियां एक-दूसरे से की शेयर

जांच एजेंसियों का मानना है कि तीनों आरोपियों ने सरक्षित बातचीत और अपनी पहचान छिपाने के उद्देश्य से एक गोपनिय निजी थ्रीमा सर्वर बनाया था। इस सर्वर के जरिए दिल्ली धमाके की साजिश रचने से जुड़े कथित रुप से दस्तावेजों और नक्शों को साझा करने का काम किया गया है। पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि साजिश की बारीकियां जैसे स्थान की सूचना शेयर करना और उनके कार्य बंटवारे की जानकारियां इसी के माध्यम से शेयर की गई होगी।

थ्रीमा सर्वर आतंकियों के लिए कितना है फायदेमंद?

पुलिस अधिकारी ने इस सर्वर के बारे में बताया कि इसके माध्यम से दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत को मिटाने की छूट देता है। और यह सर्वर कोई डेटा स्टोर भी नहीं करता है। इस वजह से इसका डेटा ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, इसको लॉगइन करने के लिए फोन नंबर या ईमेल का इस्तेमाल नहीं होता है। इससे यूजर्स का पतना लगाना और भी कठिन हो जाता है। इस सर्वर की एक अनोखी आईडी होती है, जो बिल्कुल मोबाइल नंबर या सिम से जुड़ी नहीं होती है। इसके अलावा इसे निजी सर्वर पर भी चलाया जा सकता है और यह 'एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन' की सुविधा भी मुहैया कराता है। फिलहाल जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस समूह का निजी सर्वर भारत में है या विदेश में। ताकि इस मॉड्यूल के बाकी सदस्यों का पता चल सकें।

Created On :   13 Nov 2025 11:23 PM IST

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