पश्चिम बंगाल में कुदरत का कहर: दार्जिलिंग में भूस्खलन ने मचाया कोहराम, 17 लोगों की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में कुदरत कहर बरपा रहा है। यहां पर लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन जैसी घटनाएं देखने को मिल रही है। जिसके चलते अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। दार्जिलिंग में भूस्खलन होने से कई घरों को मलबे में तब्दिल हो चुके हैं। इसकी चपेट में कई प्रमुख सड़कें भी आ गई है। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि कई दुर्गम गांवों से संपर्क पूरी तरह से कट गया है।
दार्जिलिंग में भूस्खलन से मचाया कोहराम
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। क्योंकि अभी भी कई इलाकों में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भूस्खलन की घटनाओं पर उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारियों की मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक 17 लोगों की मौत हुई है। वहीं, AFP की रिपोर्ट की मुताबिक, 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
दार्जिलिंग में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
दार्जिलिंग में तेज बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के चलते राहत और बचाव के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमों द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, एनडीआरएफ (NDRF) को सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक मिरिक झील के इलाके में राहत और बचाव के लिए तैनात किया गया है।
- NDRF और जिला प्रशासन के मुताबिक, अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 2 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य सरकार के मंत्री ने शनिवार (4 अक्टूबर, 2025) को दोपहर 2 बजे तक मृतकों की संख्या 17 बताई।
- भूस्खलन के कारण दार्जिलिंग के सर्साली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धर गांव (मेची) और मिरिक झील इलाके से लोगों की मौत दर्ज की गई है।
- अधिकारियों के मुताबिक, धर गांव में मलबे से चार लोगों को जिंदा निकाला गया है, जहां कई घर भूस्खलन में बह चुके हैं, बचाव दल के सदस्य मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राहत कार्य में जुटे हैं।
- भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क समेत कई पहाड़ी रास्तों पर वाहनों का आवाजाही ठप हो गई है, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों से संपर्क टूट गया है। कई गांव पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गए हैं।
- मंत्री उदयन गुहा ने कहा कि स्थिति बेहद चिंताजनक है। हमारे पास जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में 6 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, संख्या में और इजाफा हो सकता है।
- एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि लगातार बारिश से राहत और बचाव कार्य में परेशानियां सामने आ रही है। यह जो इलाका है, यह पूरी तरह से फिसलन से भरा है और कई घर ध्वस्त हो चुके हैं। नुकसान का पूरा आकलन किया जाना अभी बाकी है।
- अधिकारियों ने कहा कि विष्णुलाल गांव, वार्ड-3 लेक साइड और जसबीर गांव (मिरिक) से कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। स्थानीय एनजीओ और जिला प्रशासन की मदद से अस्थायी राहत शिविरों लगाए जा रहे हैं।
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दार्जिलिंग और कालिंपोंग समेत उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इलाके में 6 अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। वहीं, अधिकारियों ने आने वाले दिनों के लिए ताजा भूस्खलन और सड़क बंद होने की चेतावनी दी है।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग में भारी वर्षा और भूस्खलन से हुई जनहानि अत्यंत दुखद है। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
Created On :   5 Oct 2025 6:31 PM IST