बड़ा सवाल : सुस्त है जांच की 'रेल' ?

27 rail accidents happen in 3 yrs but there is no investigation
बड़ा सवाल : सुस्त है जांच की 'रेल' ?
बड़ा सवाल : सुस्त है जांच की 'रेल' ?

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। शनिवार को उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में कलिंग-उत्कल एक्प्रेस रेल हादसे के बाद सियासत गरमाई हुई है। रविवार को RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग की तो वहीं दूसरे दलों ने भी सरकार से इस पर जवाब मांगा है। सोमवार को कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते 3 साल में 27 रेल हादसे हो चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी हादसे की सही से जांच नहीं की गई। 

3 साल में 27 रेल हादसे : पीसी चाको

कांग्रेस नेती पीसी चाको ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 3 साल में 27 रेल हादसे हो गए लेकिन आज तक किसी भी हादसे की सही से जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि रेल हादसे होना अब आम सी बात हो गई है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु और केंद्र सरकार को सोचना है कि वो इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेती है या नहीं? 

सरकार अपनी गलती कभी नहीं मानती : ब्रजेश कलप्पा

वहीं कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ विपक्ष को घेरने की कोशिश करती है लेकिन अपनी गलती कभी नहीं मानती। उन्होंने कहा कि इस रेल हादसे की जिम्मेदारी कौन लेगा? मोदी सरकार के हिसाब से तो इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेगा। सरकार को तो सिर्फ इतना पता है कि हर बात के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराना है, वो विपक्ष से इस्तीफे की मांग करती है लेकिन अपनी गलती को कभी नहीं मानती। 

14 डिब्बे उतर गए थे पटरी से

पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग -उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे शनिवार को पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में अब तक 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने और 22 लोगों की मौत होने की खबर है। रेल हादसे के बाद रेलवे के 8 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। वहीं रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस रेल हादसे की जांच करने के आदेश दिए हैं।

Created On :   21 Aug 2017 2:48 AM GMT

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