अविश्वास प्रस्ताव: शिवसेना ने मोदी सरकार के समर्थन की खबरों को बताया अफवाह
- पार्टी नेता आनंद राव ने कहा है कि अब तक पार्टी ने इस पर अपना फैसला नहीं लिया है।
- मीडिया में आई थी शिवसेना के मोदी सरकार को समर्थन देने की खबरें।
- शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव में किसका साथ देगी इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर शिवसेना किसका साथ देगी इसे लेकर स्थितियां साफ होती दिख रही थी लेकिन शिवसेना के संसदीय दल के नेता अरविंद सावंत के बयान के बाद एक बार फिर इसमें ट्विस्ट आ गया है। सावंत ने कहा है कि अब तक पार्टी ने इस पर अपना फैसला नहीं लिया है। न हीं कोई व्हिप जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि आज हुई मीटिंग में तय हुआ है कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे सुबह 10 बजे इसे लेकर मीटिंग करेंगे और इस मीटिंग में ही इस पर फैसला लिया जाएगा। वहीं AIDMK ने कहा कि वह मोदी सरकार के पक्ष में वोटिंग करेगी।
Shiv Sena will work on directions of Uddhav Thackeray Ji. No Confidence Motion hasn"t been moved by Shiv Sena, we will see what we have to do tomorrow. We have only been asked to be present in the Lok Sabha tomorrow: Shiv Sena MP Arvind Sawant on #NoConfidenceMotion pic.twitter.com/DdVm2NRCHS
— ANI (@ANI) July 19, 2018
मीडिया में आई थी शिवसेना के समर्थन की खबरें
इससे पहले मीडिया में खबरें आई थी कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है। जिसके बाद ठाकरे ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करने का फैसला लिया है। कहा ये भी जा रहा था कि इसे लेकर पार्टी ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। इस व्हिप में कहा गया है कि सभी सांसदों को मोदी सरकार के पक्ष में वोटिंग करना है। वहीं शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा था कि पार्टी अपने स्टैंड का खुलासा सदन के फ्लोर पर ही करेगी। राउत की मानें तो फैसला लिया जा चुका है लेकिन इसके बारे में कल सदन में ही बताया जाएगा।
Shiv Sena will vote against the #NoConfidenceMotion. The party has issued a whip for its MPs, directing them to support the govt. pic.twitter.com/ltNNFX4qai
— ANI (@ANI) July 19, 2018
AIDMK का मोदी सरकार को समर्थन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनीसामी ने कहा कि एआईएडीएमके अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी। पार्टी का कहना है कि कावेरी मुद्दे पर किसी ने साथ नहीं दिया इसलिए यह फैसला लिया गया है। पलानीसामी ने कहा कि जब उनकी पार्टी के सांसदों ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियमन समिति के गठन को लेकर लगभग तीन हफ्ते तक लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी थी उस समय किसी पार्टी ने तमिलनाडु का समर्थन नहीं किया था।
We haven"t brought this. It is Andhra"s issue they brought this. We in Tamil Nadu struggled for 22 days in Parliament for Cauvery Mgmt Board issue. We stalled proceedings. Who came to us? Which state came forward helped in our cause?: TN CM E.K Palaniswami #NoConfidenceMotion pic.twitter.com/mJosY1xbIv
— ANI (@ANI) July 19, 2018
क्या है स्थिति?
- मौजूदा समय में 545 सदस्यों वाली लोकसभा में 535 सांसद हैं।
- बीजेपी को बहुमत के लिए 267 सासंद चाहिए।
- बीजेपी के पास लोकसभा स्पीकर को हटाकर 273 सदस्य हैं।
- इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी दलों में शिवसेना के 18, एलजेपी के 6, अकाली दल के 4, आरएलएसपी के 3, जेडीयू के 2, अपना दल के 2 अन्य के 6 सदस्य हैं।
- इस तरह से कुल संख्या 314 पहुंच रही है।
- विपक्षी दलों की बात करें तो मौजूदा समय में लोकसभा में सबसे ज्यादा 48 सीटें कांग्रेस के पास हैं।
- अविश्वास प्रस्तालव लाने वाली टीडीपी के पास 16 सीटें हैं, जबकि जेडीएस के 1, एनसीपी के 7, आरजेडी के 4, टीएमसी के 34, सीपीआईएम के 9, सपा के 7 सदस्य हैं।
- इसके अलावा आम आदमी के 4, टीआरएस के 11, वाईएसआर कांग्रेस के 4,एयूडीएफ के 3 और बीजेडी के 20 सदस्य हैं।
Created On :   19 July 2018 5:47 PM IST