PM मोदी को अन्ना की चेतावनी- जल्द नियुक्त करो लोकपाल नहीं तो होगा आंदोलन

Anna Hazare letter to PM Narendra Modi, threatens to launch new Lokpal campaign
PM मोदी को अन्ना की चेतावनी- जल्द नियुक्त करो लोकपाल नहीं तो होगा आंदोलन
PM मोदी को अन्ना की चेतावनी- जल्द नियुक्त करो लोकपाल नहीं तो होगा आंदोलन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हजारे ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जन लोकपाल लागू न करने और किसानों की स्थिति सुधारने के लिए स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशे न मानने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। 

गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने अगस्त 2011 में रामलीला मैदान में जन लोकपाल लागू कराने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन किया था। इस आंदोलन को देखते हुए सरकार ने सदन की भावना के अनुरूप प्रस्ताव पारित किया था। जिसमें केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति के साथ सिटिजन चार्टर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जल्द से जल्द कानून बनाने का निर्णय किया गया था, इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद 28 अगस्त को अन्ना ने आंदोलन खत्म किया था जो अभी तक लागू नहीं हो पाया है। ऐसे में एक बार फिर इसे लागू कराने के लिए अन्ना ने पीएम को पत्र लिख कर इसे लागू कराने की मांग की है और जवाब न मिलने पर आंदोलन की धमकी दी है।

  

अन्ना ने पीएम को पत्र में ये लिखा  
भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखते हुए अगस्त 2011 में रामलीला मैदान पर और पूरे देशभर में ऐतिहासिक आंदोलन हुआ था। भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जनता के मन में बड़ी उम्मीद जगानेवाली इस ऐतिहासिक घटना को अब छह साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन आज छह साल बाद भी भ्रष्टाचार को रोकने वाले एक भी कानून पर अमल नहीं हो पाया। इससे व्यथित होकर मैं आज आपको यह पत्र लिख रहां हूं।

"पहले लिखे पत्रों का नहीं मिला जवाब"
अन्ना ने अपने पत्र में लिखा कि, आपकी सरकार सत्ता में आने के बाद तीन साल में लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में तारीख 28/08/2014, 18/10/2014, 01/01/2015, 01/01/2016, 19/01/2017, 28/03/2017 को हमने लगातार पत्राचार किया। लेकिन आप की तरफ से कार्रवाई के तौर पर कोई जबाव नहीं आया। 

मन की बात" में क्यों नहीं उठाया लोकपाल का मुद्दा 
अन्ना ने लिखा कि, लोकपाल आंदोलन के बाद देश की जनता ने बड़ी उम्मीद से आपके नेतृत्व में नई सरकार को चुन कर दिया था। आपने ना कभी जनता के साथ बात की और ना कभी मन की बात में लोकपाल और लोकायुक्त का जिक्र किया। सत्ता में आने से पहले आपने देश की जनता को "भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण के लिए प्राथमिकता देंगे" ऐसा आश्वासन दिया था। आज भी नया भारत बनाने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण करने का संकल्प करने हेतु आप बडे़ बडे़ विज्ञापन के माध्यम से जनता को संदेश दे रहे हैं।

2011 में आपकी पार्टी ने किया था समर्थन लेकिन भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ 
अन्ना ने मोदी को याद दिलाते हुए लिखा कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की भूमिका निभा रहे आपकी पार्टी के नेताओं ने भी इस कानून को पूरा समर्थन दिया था। उसके बाद हुए चुनावों में 26 मई 2014 को आपकी पार्टी की सरकार सत्ता में आई। लेकिन आज भी हर राज्यों में पैसा दिए बिना आम नागरिकों का काम नहीं होता। यानी जनता के जीवन के साथ जुडे़ हुए प्रश्नों पर भ्रष्टाचार बिल्कुल कम नहीं हुआ हैं। जनता प्रतिदिन यह अनुभव कर रही है।

पीएम में इच्छा शक्ति का आभाव 
अन्ना ने लिखा कि, आश्चर्यजनक बात यह है कि, जिस राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं वहां तो नहीं लेकिन जिस राज्यों में आपके पार्टी की सरकारें हैं, वहां भी नए कानून के तहत लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि आप के पास लोकपाल-लोकायुक्त कानून पर अमल करने के लिए इच्छाशक्ति का अभाव है। आपकी कथनी और करनी में अंतर है, फिर कैसे होगा भ्रष्टाचार मुक्त भारत? जिस संसद ने देश के लाखों लोगों की मांग पर यह कानून बनवाया और राष्ट्रपति जी ने हस्ताक्षर किए, फिर भी उस कानून पर अमल ना करना, क्या यह जनता, संसद और राष्ट्रपति जी का अपमान नहीं है?

किसानों के दुख के प्रति आपके दिल में कोई संवेदना नहीं 
अन्ना ने किसानों की दशा को बताते हुए लिखा कि कृषि प्रधान भारत देश में किसान प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं। खेती पैदावारी में किसानों को लागत पर आधारित दाम मिले, इसलिए मैंने कई बार पत्र लिखा था। लेकिन आपकी तरफ से ना कोई जबाब आया ना स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई। देश के किसानों के दुख के प्रति आपके दिल में कोई संवेदना नहीं है, यह तीन साल से दिखाई दे रहा है। आप जितनी चिंता कंपनी मालिक और उद्योगपतियों के बारे में करते दिख रहे हैं, उतनी चिंता किसानों के बारे में नहीं करते। यह कृषि प्रधान भारत देश के लिए बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है।

जगह-जगह पर पोस्टर लगाने से महिलाओं को सम्मान कैसे मिलेगा
अन्ना ने लिखा कि भ्रष्टाचार को रोकने और सही लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सत्ता का विकेंद्रीकरण जरूरी है। इसके लिए जल, जंगल और जमीन को लेकर ग्रामसभा को अधिकार देनेवाला कानून बनना जरूरी है। उसके साथ राइट टू रिजेक्ट, राइट टू रिकॉल और महिलाओं को हर स्तर पर कानून के तहत सम्मानजनक अधिकार देनेवाले कानून भी आवश्यक हैं। सिर्फ जगह-जगह पर पोस्टर लगाने से महिलाओं को सम्मान कैसे मिलेगा? लोगों के हाथ में अधिकार देने से जनसंसद मजबूत होगी। 

देश की भलाई में आंदोलन जरुरी 
अन्ना ने लिखा कि इसके पहले 28 मार्च 2017 को मैंने आपसे पत्र लिखा था कि अगर लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल नहीं होता तो मेरा अगला पत्र दिल्ली में होनेवाले आंदोलन के बारे में होगा। उसी पत्र के मुताबिक मैंने समाज और देश की भलाई के लिए दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया है।

35 साल से कर रहा हूं आंदोलन
35 साल से मैं आंदोलन करते आया हूं। लेकिन कभी किसी पक्ष और पार्टी या व्यक्ति के विरोध में आंदोलन नहीं किया है। सिर्फ समाज और देश के हित के लिए आंदोलन करते आया हूं। 3 साल तक मैंने आपकी सरकार को याद दिलाते हुए बार-बार पत्र लिखकर लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्ति के लिए और किसानों को अपने खेती में पैदावारी के खर्चे पर आधारित सही दाम मिले इसलिए लिखा था। लेकिन आपने उसका जवाब ही नहीं दिया और कुछ भी कार्रवाई नहीं की। इसलिए अब मैंने दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया है। जब तक उपरोक्त मुद्दों पर जनहित में सही निर्णय और अमल नहीं होता तब तक मैं आंदोलन दिल्ली में जारी रखूंगा। अगले पत्र में आंदोलन की तारीख और स्थल के बारे में अवगत किया जाएगा
 

Created On :   30 Aug 2017 4:19 PM GMT

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