सशस्त्र बलों को आधुनिक युद्ध की तकनीकों से लैस होना चाहिए : रक्षामंत्री
नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि सशस्त्र बलों को आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल एंटेलिजेंस), बड़े डेटा और ब्लॉकचेन तकनीकों से लैस होना चाहिए।
राजनाथ सिंह भारत की वार्षिक रक्षा प्रदर्शनी डेफएक्सपो-2020 सम्मेलन में भाग लेने वाले 80 देशों के राजदूतों व उच्चायुक्तों से संबंधित एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन फरवरी 2020 में लखनऊ में आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि युद्ध के तरीके बदल रहे हैं। इसलिए इस सूचना के युग में चुनौती सिर्फ आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहने की ही नहीं है, बल्कि कई स्रोतों से खतरों को दूर करने की भी है और साथ ही साथ अगर जरूरत हो तो इन्हें जवाब देने की क्षमता से संबंधित चुनौती भी है।
सिंह ने कहा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बड़े डेटा और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की भूमिका ने युद्ध के मौजूदा प्रतिमान में पहले ही क्रांति ला दी है। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और संरक्षा के लिए रक्षा उद्योग इन तकनीकों का सामना करने और नियोजित करने के लिए मंथन कर रहा है।
सिंह ने कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्च रिंग में डिजिटल तकनीकों के अनुप्रयोग के आधार पर डिजिटलाइजेशन भविष्य के सुरक्षा परिदृश्य की कुंजी है, क्योंकि युद्ध का स्पेक्ट्रम पारंपरिक भूमि, वायु और समुद्र से साइबर स्पेस और अंतरिक्ष में स्थानांतरित हो रहा है।
बैठक में शामिल विभिन्न देशों के दूतों को 2020 में होने वाले कार्यक्रम से संबंधित रक्षा प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के प्रदर्शन आदि की जानकारी भी दी गई।
डेफएक्सपो का आगामी संस्करण हमारे एयरोस्पेस और रक्षा वस्तुओं व सेवाओं के कारोबार को 2025 तक 26 अरब डॉलर तक पहुंचाने के इरादे को प्रदर्शित करेगा। इस दौरान भारत उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में अपने रक्षा गलियारों के लिए योजनाओं का प्रदर्शन भी करेगा, जहां पहले से ही लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर की निवेश प्रतिबद्धताएं हैं। इस सम्मेलन में 1000 से अधिक प्रदर्शकों के आने की उम्मीद है।
Created On :   4 Nov 2019 9:30 PM IST