शोपियां फायरिंग: आर्मी ने कहा-"घटनास्थल से 200 मीटर दूर थे मेजर"
डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में गोलीबारी में दो नागरिकों की मौत को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में सेना के जिस मेजर आदित्य का जिक्र किया गया है, वह घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे। उन्होंने बताया कि सेना ने घटना की जांच शुरू कर दी है। सेना सूत्रों ने मंगलवार को दावा किया कि मेजर उस समय घटनास्थल पर नहीं थे। बल्कि वह वहां से करीब 200 मीटर दूर थे। हालांकि वह घटनास्थल के आसपास थे।
सीएम ने दिए जांच के आदेश
शोपियां में शनिवार को पथराव कर रही भीड़ पर सैनिकों की गोलीबारी में दो नागरिकों की मौत के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने रविवार को सेना की गढ़वाल इकाई के 10 कर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302, 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी में मेजर का भी नाम लिया गया है जो घटना के समय सैनिकों का नेतृत्व कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख एस पी वैद ने सोमवार को कहा था कि शोपियां घटना में प्राथमिकी दर्ज कराना जांच की सिर्फ शुरूआत है और सेना के पक्ष को भी ध्यान में रखा जाएगा। आर्मी सूत्रों का कहना है कि वे मेजर आदित्य के खिलाफ किसी तरह की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी नहीं करेंगे।
केस चलाने लेनी होगी इजाजत
बता दें कि आर्मी के काफिले पर करीब 250 लोगों ने पत्थरबाजी की थी। भीड़ लगातार उग्र होती जा रही थी, अपनी हिफाजत के लिए आर्मी पर्सनल्स को फायरिंग करनी पड़ी। घटना को लेकर महबूबा सरकार के ऑर्डर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आर्मी के जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि इस मामले में केस चलाने के लिए पुलिस को केन्द्र से मंजूरी लेनी होगी। 2001 के बाद से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 50 मामलों में आर्मी के खिलाफ केस चलाने की इजाजत मांगी है, जिनमें से 47 मामलों में इसे ठुकरा दिया गया। वहीं तीन मामलों में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
20 दिन में रिपोर्ट दाखिल करें
जिला मजिस्ट्रेट ने लोगों से आग्रह किया है कि जो कोई भी इस मामले में तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखना चाहता है वह 30 जनवरी 2017 से एक सप्ताह तक अपने बयान दर्ज करा सकता है। इस बीच, राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने शोपियां मामले में एफआईआर का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें किसी सैन्य अधिकारी को चिन्हित नहीं किया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है। राज्य सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच का आदेश जारी करते हुए जिला मजिस्ट्रेट को 20 दिन में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
Created On :   31 Jan 2018 7:45 AM IST