राफेल पर जेटली का जवाब, कहा- सवाल उठाने से पहले प्रणब से मिलें राहुल

arun jaitley responds to opposition questions on rafael deal and aadhar
राफेल पर जेटली का जवाब, कहा- सवाल उठाने से पहले प्रणब से मिलें राहुल
राफेल पर जेटली का जवाब, कहा- सवाल उठाने से पहले प्रणब से मिलें राहुल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा राफेल डील पर भ्रष्टाचार के आरोपों का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया है। वित्त मंत्री ने कहा है कि कांग्रेस को डील पर सवाल उठाने का हक नहीं है। उन्होंने कहा, इस डील पर जब यूपीए सरकार के कार्यकाल में सवाल खड़ा किया गया तब तत्कालीन मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि हम इस पर जवाब नहीं दे सकते क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। कांग्रेस के सवाल का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा, जो कल तक हमें जवाब देने से मना कर रहे थे वह आज राफेल डील पर कैसे सरकार से जवाब मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, राहुल गांधी सवाल उठाने से पहले प्रणब मुखर्जी से जाकर मिलें।

आधार पर अपनी बता रखते हुए जेटली ने कहा कि, हमेशा कहा जाता रहा है कि सब्सिडी को खत्म करना जरूरी है। आधार से संशाधन को बचाने में मदद मिलेगी और सब्सिडी को भी दुरुस्त की जा सकेगा लेकिन अब उस आधार को खारिज कर देना गलत होगा। जेटली ने कहा कि बीजेपी ने आधार में प्राइवेसी को सुनिश्चित करने के लिए पूरे आधार को कानून के दायरे में लाने का काम किया है। जबकि कांग्रेस सरकार आधार को बिना किसी कानूनी अमलीजामा के ले आई थी। बीजेपी ने आधार में प्राइवेसी को सुनिश्चित करने के लिए पूरे आधार को कानून के दायरे में लाने का काम किया है।

बता दें कि राफेल डील पर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को सरकार ने बेबुनियाद बताया और कहा कि राफेल सौदे के मूल्य और ब्योरे को सार्वजनिक करना संभव नहीं है। सरकार के रक्षा विभाग की ओर से कहा गया था कि ये मसला जवाब देने के लायक नहीं है लेकिन भ्रम फैलाने वाले बयानों से राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मसले को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

गौरतलब है कि 2016 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच 36 राफेल विमानों के लिए समझौता हुआ था। इस डील पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। सरकारी बयान में कहा गया है कि, "भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की जरूरतों के लिए 2002 में जो पहल की गई थी, वह केंद्र में पिछली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में पटरी से उतर गई। 2012 में जब मीडियम मल्टीरोल कॉम्बैट विमान की खरीद की स्थापित संस्थागत प्रक्रिया जारी थी, तब के रक्षा मंत्री ने अभूतपूर्व ढंग से पर्सनल वीटो का इस्तेमाल किया। यह सब तब हुआ, जब वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या में चिंताजनक कमी आ रही थी।"

Created On :   8 Feb 2018 8:34 PM IST

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