NRC : ममता के बयान से नाराज़ असम टीएमसी अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
- ममता बनर्जी ने कहा था कि असम से बंगालियों को बाहर करने के लिए एनआरसी लागू किया जा रहा है।
- NRC मामले में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के बयान से असहमत होकर उन्होंने ये कदम उठाया है।
- असम राज्य में टीएमसी अध्यक्ष द्विपेन पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम राज्य में टीएमसी अध्यक्ष द्विपेन पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) मामले में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के बयान से असहमत होकर उन्होंने ये कदम उठाया है। द्विपेन पाठक ने पद छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि वह ममता बनर्जी के बयान से सहमत नहीं है। उनके इस बयान से असम की जनता के बीच तनाव पैदा होगा और दोष उनके सिर पर मढ़ दिया जाएगा। बता दें कि ममता बनर्जी ने कहा था कि असम से बंगालियों को बाहर करने के लिए एनआरसी लागू किया जा रहा है।
#WATCH: Dwipen Pathak after resigning from Assam TMC Chief"s post says, "What Mamata Banerjee said about NRC, that it has been brought in Assam to drive out Bengalis, I don"t agree with that. It might create disturbance here the blame would be on me as a pres, so I"ve resigned" pic.twitter.com/JnxKy2gV0i
— ANI (@ANI) August 2, 2018
बता दें कि एनआरसी की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट आने के बाद से ही ममता बनर्जी बीजेपी पर निशाना साध रही है। इससे पहले ममता ने अपने एक बयान में कहा था कि जिन लोगों ने पहले बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वोट किया था आज उन्हें ही शरणार्थी कैसे बना दिया गया? ममता ने पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वालों के नाम NRC ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं होने पर भी हैरानी जताई थी। एनआरसी के मुद्दे पर कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में बोलते हुए ममता बनर्जी ने ये बात कही थी।
गौरतलब है कि असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट रविवार को जारी किया गया था। इसमें 3, 29,91,380 लोगों में से 2,89,38, 677 को असम की नागरिकता के लिए योग्य पाया गया था। इस ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे। इन 40 लाख लोगों को अवैध भारतीय माना जा रहा है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं किए गए हैं, उन्हें अपने दावे और आपत्तियों के लिए समय दिया गया है। बता दें इस मामले पर जमकर सियासी बहस छिड़ी हुई है। सोमवार और मंगलवार को सदन में भी इस ड्राफ्ट के खिलाफ विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया।
Created On :   2 Aug 2018 6:49 PM IST