आईएएनएस को चुप कराने की कोशिश प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला, कड़ी कार्रवाई करे सरकार : महलदार
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। आईएएनएस या अन्य किसी मीडिया संस्थान को चुप कराने की कोशिश न केवल आपराधिक है, बल्कि यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला भी है। यह बात रिकॉन्सिलिएशन, रिटर्न एंड रिहैबिलिटेशन ऑफ माइग्रैंट्स के अध्यक्ष सतीश महलदार ने कही है।
महलदार ने एक बयान में कहा कि आईएएनएस या अन्य मीडिया संस्थानों का मुंह बंद करने का प्रयास न केवल आपराधिक है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता पर एक हमला है।
उन्होंने कहा, इस तरह के कृत्यों की न केवल निंदा की जानी चाहिए, बल्कि उन्हें अलोकतांत्रिक गतिविधियों के लिए भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। हम आग्रह करते हैं कि ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ भारत सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
महलदार ने कहा, प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (आईएएनएस) के खिलाफ कुछ तत्वों द्वारा डराने-धमकाने की हरकत बेहद निंदनीय है। इसके सब्सक्राइबर्स और पत्रकारों को तब्लीगी जमात के कोरोनावायरस संक्रमण फैलाने के मुद्दे पर इसकी रिपोर्ट के लिए धमकी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की धमकियां लगातार जारी रहने पर आईएएनएस को मजबूरन तब्लीगी जमात के सदस्य होने का दावा करने वालों के खिलाफ तीन आपराधिक धमकी के मामले दर्ज कराने पड़े।
प्रेस की स्वतंत्रता पर इस तरह के हमले की निंदा करते हुए महलदार ने कहा कि इस कठिन समय में जब मीडिया, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग नागरिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं कुछ निहित स्वार्थी लोग उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
कोरोनावायरस के मद्देनजर सभी प्रकार के जोखिमों के बावजूद मीडिया, डॉक्टर व पुलिस पहली पंक्ति में खड़े होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
Created On :   15 April 2020 4:30 PM IST