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दैनिक भास्कर हिंदी: बुराड़ी मामला : 11 लोगों की मौत और दीवार पर लगे 11 पाइप, अब खुला पूरा राज

हाईलाइट
- तीसरे भाई ने खोला 11 पाइप का राज।
- उनके भाई का प्लाईउड का काम था, इस वजह से काफी बनती थी और इन 11 पाइपों को इसीलिए लगवाया गया था।
- पुलिस ने आशंका जताई है कि नारायणी देवी के छोटे बेटे ललित ने सब लोगों को 'लटकाया' और पूरा मामला तंत्र-मंत्र से जुड़ा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में हुए 11 लोगों के सामूहिक सुसाइड मामले में धीरे-धीरे राज खुलने लगा है। घटना के दौरान घर से 11 लोगों के शव बरामद हुए थे, जिसमें से 10 फांसी के फंदे पर झूलते हुए और एक जमीन पर पड़ा हुआ था। जांच में घर के अंदर एक दीवार पर 11 पाइप, 11 खिड़कियां, 11 ऐंगल, कुछ डायरियां और रजिस्टर भी बरामद हुए। इन सभी में कुछ गहरा राज छिपा था, जिसे पुलिस प्रशासन तलाशने में जुटा था। मगर अब मृतक ललित और भूपी भाटिया के तीसरे भाई और बहन ने इन सभी रहस्यों से पर्दा हटा दिया है।
तीसरे भाई ने खोला 11 पाइप का राज
घटना के तीन दिन बाद मृतक ललित और भूपी भाटिया के तीसरे भाई दिनेश सामने आए हैं। दिनेश चित्तौड़गढ़ में रहते हैं। उन्होंने परिवार की मौत के पीछे तंत्र-मंत्र और धर्मांधता या किसी तांत्रिक की बात होने से इनकार किया है। घर से बाहर निकले 11 पाइप का रहस्य खोलते हुए दिनेश ने कहा कि पाइप से जुड़ी जो अफवाहें उड़ रही हैं, वो बातें बिल्कुल गलत हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल उनके भाई का प्लाईउड का काम था, इस वजह से काफी काफी गैस बनती थी और इन 11 पाइपों को इसीलिए लगवाया गया था, ताकि गैस निकलती रहे।
सोमवार से ही नंबर 11 से भी इन 11 मौतों के कनेक्शन की बातें सामने आ रही हैं। इसी बीच मृतक भाइयों ललित और भूपी भाटिया की बहन ने भी आत्महत्या की बात को साफ नकार दिया है। सुजाता ने भी इन 11 पाइप से मौत के कनेक्शन को खारिज किया है। उनका कहना है कि पाइप किसी तंत्र-मंत्र या काले जादू या विशेष धार्मिक कारण से नहीं लगाए गए थे, बल्कि पाइप सोलर प्रॉजेक्ट और वेंटिलेशन के काम के लिए लाए गए थे।
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पुलिस ने आशंका जताई है कि नारायणी देवी के छोटे बेटे ललित ने सब लोगों को 'लटकाया' और पूरा मामला तंत्र-मंत्र से जुड़ा है। घर से बरामद डायरियों और रजिस्टरों से ऐसे संकेत मिले हैं। मगर इस मामले में सुजाता का कुछ ओर ही कहना है। सुजाता ने बताया कि भाटिया परिवार धार्मिक था, लेकिन 'काला जादू' जैसे काम नहीं करता था, जैसा कि मीडिया रिपोर्ट्स में बार-बार दिखाया जा रहा है।
The family was religious. They were not involved in occult practices unlike media reports suggest.There is a conspiracy.The pipes were brought for a solar project & ventilation purpose: Sujata, relative of family,the 11 members of which were found dead in Delhi's Burari on Sunday pic.twitter.com/E40F4NTWD3
— ANI (@ANI) July 3, 2018
सुजाता ने कहा, 'लोग अंधविश्वास की बात कह रहे हैं... मैं बता दूं कि ऐसा कुछ नहीं था। परिवार के तंत्र-मंत्र की बात झूठी थी। मेरे परिवार के लोग धार्मिक थे, लेकिन किसी बाबा, तंत्र-मंत्र के चक्कर में शामिल नहीं थे। परिवार में सब लोग खुश थे और उनके ऊपर कोई दबाव नहीं था। घर में शादी का माहौल था, तब लोग क्यों सुसाइड करेंगे।'
परिवार ने मंगाई थी 20 रोटियां
घटना की रात से पहले भाटिया परिवार ने 20 रोटियां भी ऑर्डर की थी। घर में रोटी डिलीवर करने के लिए ऋषि नामक शख्स आया था। ऋषि ने ही आखरी बार परिवार के लोगों को देखा था। ऋषि ने बताया, 'उन्होंने करीब रात 10:30 बजे 20 रोटियों का ऑर्डर दिया था। मैं करीब 10:45 बजे डिलीवर करने गया। बेटी ने ऑर्डर लिया और पिता से पेमेंट करने को कहा। सबकुछ बिल्कुल सामान्य था।'
They had placed an order for 20 rotis at 10:30pm, I went to deliver it at 10:45pm. Daughter took the order & asked her father to pay me. Everything was normal: Rishi, delivery boy who was the last person to see the 11-member-family which was found dead in Delhi's Burari on July 1 pic.twitter.com/fkmrE7VciI
— ANI (@ANI) July 3, 2018
पजेसिव सिंड्रोम या कल्ट सुसाइड
मामले में डॉक्टर से बात की गई तो उन्होंने इसे पजेसिव सिंड्रोम या फिर कल्ट सुसाइड करार दिया है। डॉक्टरों ने कहा कि इस पूरे मामले में कल्ट सुसाइड होने के संकेत अधिक मिल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर परिवार के 11 लोगों की जान जाने के पीछे बेटे का प्लान है, तो वह बेटा पजेसिव सिंड्रोम का शिकार हो सकता है।
घर में होने वाली थी प्रियंका की शादी
बता दें कि सुसाइड करने वाले भाटिया परिवार की बेटी प्रियंका की शादी होने वाली थी। प्रियंका के मंगेतर ने मामले में अपनी बात रखते हुए तंत्र-मंत्र की बात को नकारा है। मंगेतर ने कहा कि परिवार बेहद शांत था और प्रियंका तंत्र-मंत्र जैसी बातों में विश्वास नहीं करती थी। उन्होंने कहा कि अगर आत्महत्या का कोई इरादा होता तो सगाई क्यों करती और शादी की तैयारियां क्यों की जा रही होतीं।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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