गगनयान के लिए केंद्र ने मंजूर की 10,000 करोड़ की राशि, 2022 में लॉन्च होगा मिशन
- अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन 'गगनयान' के लिए केंद्र सरकार ने 10
- 000 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है।
- गगनयान मिशन के तहत भारत के तीन एस्ट्रोनॉट सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे।
- शुक्रवार को हुई कंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन "गगनयान" के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है। शुक्रवार को हुई कंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। गगनयान मिशन के तहत भारत के तीन एस्ट्रोनॉट सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे। ये मिशन 2022 में लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन की सफलता के बाद भारत अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा। भारत से पहले रूस, अमेरिका और चीन ही ऐसा कर चुके हैं।
कैबिनेट ने भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को मंजूरी दी, अंतरिक्ष में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से कम से कम 7 दिनों के लिए 3 सदस्य चालक दल ले जाने वाला कार्यक्रम #Gaganyaan @rsprasad @isro @IndiaDST @DrJitendraSingh pic.twitter.com/BhwI3wT6WB
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) 28 December 2018
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान किया था कि भारत 2022 तक यानी अगले 4 साल के अंदर अंतरिक्ष में अपना पहला मानव मिशन भेजेगा। इस ऐलान के बाद एंस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारियां ISRO ने तेज कर दी है। भारत अपने पहले मानव मिशन में तीन यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा 7 दिनों तक अर्थ के लोअर ऑर्बिट में रहेंगे। ISRO प्रमुख के. सिवन के मुताबिक, एक क्रू मॉड्यूल तीन भारतीयों को लेकर जाएगा, जिसे सर्विस मॉड्यूल के साथ जोड़ा जाएगा। दोनों को रॉकेट की मदद से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। अर्थ के लोअर ऑर्बिट में पहुंचने के लिए इसे 16 मिनट का वक्त लगेगा।
भारत को उसके इस मिशन में फ्रांस भी सहयोग कर रहा है। फ्रांस ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाते हुए भारत के साथ गगनयान पर साथ मिलकर काम करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। दोनों देशों ने इस परियोजना के लिए एक कार्यकारी समूह गठित किया है। अंतरिक्ष सहयोग के दायरे में इसरो को फ्रांस में अंतरिक्ष अस्पताल केंद्रों की सुविधा देना और अंतरिक्ष औषधि, अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी करने, जीवन रक्षा संबंधी सहयोग मुहैया कराने, विकिरणों से रक्षा, अंतरिक्ष के मलबे से रक्षा और निजी स्वच्छता व्यवस्था के क्षेत्रों में संयुक्त रूप से अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करना शामिल है।
इस मिशन में रूस भी भारत की हर संभव मदद करने की पेशकश कर चुका है। भारत में रूस के राजदूत निकोलेय कुदाशेव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि "यह बहुत खुशी की बात है कि भारत अंतिरक्ष में मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है। हम भारत के इस मिशन में साझेदार बनकर बेहद खुश होंगे। रूस भारत को इस मिशन में हर सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार है। खासकर अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग में रूस महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। रूसी वैज्ञानिक इस मिशन में सुरक्षा और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में भी अहम योगदान दे सकते हैं।"
Created On :   28 Dec 2018 5:25 PM IST