बाल विवाह के आरोप में जनप्रतिनिधि, 5 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

Case filed against 5 people, representative of child marriage
बाल विवाह के आरोप में जनप्रतिनिधि, 5 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज
बाल विवाह के आरोप में जनप्रतिनिधि, 5 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

हैदराबाद, 4 जून (आईएएनएस)। हैदराबाद के पास तेलंगाना के मेडचल जिले में पुलिस ने एक 21 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ 16 वर्षीय लड़की से शादी करने के आरोप में बाल विवाह के तहत मामला दर्ज किया गया।

शादी एक जून को कंदलाकोया गांव के मुत्यालम्मा मंदिर में हुई थी। संयोग से इस दिन अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस भी था। मामले ने शादी के एक दिन बाद तूल पकड़ा, जिसके बाद बुधवार देर रात पुलिस ने मामला दर्ज किया।

पुलिस ने दुल्हा शिवरात्रि राजू उर्फ श्रीनु, उसके माता-पिता, दुल्हन के माता-पिता, गोंडलपोचमपल्ली नगरपालिका के उपाध्यक्ष प्रभाकर और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (दुष्कर्म), धारा 366 (नाबालिग को शादी के लिए प्रेरित करना), यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पास्को) अधिनियम, बाल विवाह निवारण अधिनियम 2006 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग और पुलिस ने लड़की को बचाया, जिसके बाद उसे सरकार द्वारा संचालित एक देखभाल केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है।

इस मामले पुलिस तब हरकत में आई, जब एक गैर सरकारी संगठन, बाला हक्कुला संघम के मानद अध्यक्ष अच्युता राव ने इस मुद्दे के बारे में सादबराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार को सूचित किया।

राव ने आईएएनएस को बताया, हम मंदिर में शादी के दौरान मौजूद गांव के बुजुर्गो और शादी कराने वाले पुजारी की भी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

हालांकि मेडचल पुलिस स्टेशन में पंजीकृत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में लड़की की उम्र 16 वर्ष होने का उल्लेख है, लेकिन बाल अधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि वह सिर्फ 12 साल की है और छठी कक्षा में पढ़ती है।

पीड़िता के माता-पिता आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और वे कुछ साल पहले काम की तलाश में यहां आ गए थे। वे मेडचल जिले में निर्माण मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। राजू भी एक निर्माण मजदूर है और लड़की से उसका परिचय हुआ और दोनों कथित तौर पर एक-दूसरे से प्यार करने लगे। जब यह बात परिजनों को पता चली तो, दोनों परिवारों के बीच विवाद शुरू हो गया। अंत में मामले को शांत कराने के लिए गांव के बुजुर्गो ने पास के स्थानीय मंदिर में शादी करवाने का फैसला किया।

Created On :   4 Jun 2020 3:00 PM IST

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