चीन ने ठुकराया भारत का शांति प्रस्ताव, अब युद्ध की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नई दल्ली। विदेश सचिव एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि डोकलाम पर सीमा विवाद को लेकर चीन ने भारत की शांति बनाए रखने और बातचीत से विवाद सुलझाने की अपील को ठुकरा दिया है। सचिव ने बताया कि भारत ने चीन से सीमा-विवाद पर पहले की तरह रैवया अपनाने और विवाद सुलझाने की अपील की थी, लेकिन चीन ने यह कहते हुए पेशकश ठुकरा दी है कि 'इस बार हालत बिलकुल इतर हैं'। चीन के इस रवैये के बाद से ही भारत सीमित युद्ध की तैयारी में जुट गया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा है कि "ये सीमा क्षेत्रों के अपरिभाषित वर्गों में हुआ मताधिकार से अलग है।" दरअसल जयशंकर ने एक शांतिपूर्ण अध्याय जारी करते हुए कहा कि सिक्किम तिजोरी के बीच मतभेदों को विवाद नहीं बनाया जाना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार भारतीय सैनिकों ने क्षेत्र में पारस्परिक रूप से सहमत सीमा रेखा का अवैध रूप से अतिक्रमण" किया है।
ये पूर्वी, मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों में अपरिभाषित सीमा से पूरी तरह अलग है। " उन्होंने 1890 सिक्किम-तिब्बत संधि को दोहराया कि चीन ने सीमा की पुष्टि की है। हालांकि, भारत ने जोर दिया है कि सम्मेलन केवल "संरेखण का आधार" था और सीमा को चित्रित या सीमांकन नहीं किया गया है। गौरतलब है कि चीन ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ देने की बात कही है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के लिए बिलकुल ठीक नहीं है।
सरकार ने दी बिना मंजूरी हथियार खरीदने की इजाजत
सरहद पर पाकिस्तान और चीन की बढ़ती दादागीरी के बीच मोदी सरकार ने सीमित युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने पहली बार 40 दिन की लड़ाई के लिए तैयारी शुरू कर दी है। महत्वपूर्ण हथियार और जरूरी गोला-बारूद खरीदने के लिए सेना की इमरजेंसी खरीद पावर बढ़ाई गई है। सेना के उपसेना अध्यक्ष की इमरजेंसी हथियार खरीदने की पावर को 40 हजार करोड़ कर दिया गया है। अब सेना बिना रक्षा मंत्री और कैबिनेट मंजूरी के कभी भी लड़ाई के लिए 40 हजार करोड़ के हथियार और गोला-बारूद खरीद सकती है।
Created On :   13 July 2017 9:37 AM IST