साढ़े सात साल बाद होने वाले कांग्रेस के अधिवेशन में क्या है खास?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पार्टी का अधिवेशन शुक्रवार से शुरू हो रहा है। तीन दिन तक चलने वाला ये अधिवेशन दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हो रहा है। पहले दिन स्टेयरिंग कमेटी की मीटिंग होगी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, अहमद पटेल समेत पार्टी के 25 बड़े नेता शामिल होंगे और इस अधिवेशन की आउटलाइन तय करेंगे। 17 और 18 मार्च का दिन बहुत जरूरी है, क्योंकि इन दो दिनों में ही पार्टी का विजन डॉक्यूमेंट रखा जाएगा। बता दें कि साढ़े 7 साल बाद कांग्रेस का अधिवेशन होने जा रहा है।
3 दिन के अधिवेशन में क्या?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 दिन तक चलने वाले कांग्रेस के इस अधिवेशन में AICC और PCC के सीनियर लीडर्स को इनवाइट किया गया है। देशभर से आए कांग्रेसी इस अधिवेशन में पॉलिटिकल, इकोनॉमिक और सोशल विजन पर चर्चा करेंगे। अधिवेशन के लिए एक ड्राफ्टिंग कमेटी बनाई गई है, जिसमें कांग्रेस के कई बड़े सीनियर लीडर्स शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस अधिवेशन को 3 पार्ट्स में बांटा गया है, जिसमें पहला पार्ट NDA सरकार की नाकामी, दूसरे पार्ट में NDA और UPA सरकार की नीतियों की तुलना और तीसरे पार्ट में कांग्रेस पार्टी की फ्यूचर स्ट्रेटजी पर चर्चा की जाएगी।
और क्या होगा इसमें?
कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में एक विजन डॉक्यूमेंट भी पेश किया जाएगा, जो युवाओं, किसानों, महिलाओं और कमजोर समुदायों पर फोकस है। ड्राफ्टिंग कमेटी में शामिल एक कांग्रेस लीडर ने मीडिया को बताया कि "इस विजन डॉक्यूमेंट के जरिए ही पार्टी अपनी दिशा तय करेगी, इसके साथ ही 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी इसमें फोकस किया जाएगा।" इसके साथ ही अधिवेशन में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मंजूरी भी दी जाएगी, जिसके बाद उनके पास कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) को पुनर्गठन करने की पॉवर आ जाएगी। बता दें कि राहुल गांधी को दिसंबर में कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था।
तीन दिन तक क्या होगा?
इस अधिवेशन की शुरुआत 16 मार्च यानी शुक्रवार से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में होगी। पहले दिन स्टेयरिंग कमेटी की मीटिंग होगी। इसके बाद अगले दो दिन ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। 17 मार्च को इस अधिवेशन की शुरुआत राहुल गांधी के भाषण से शुरू होगी और इसके बाद दो प्रस्ताव पास किए जाएंगे। आखिरी दिन यानी 18 मार्च को भी दो प्रस्ताव पास किए जाएंगे और शाम 5 बजे राहुल गांधी के भाषण के साथ इस अधिवेशन का समापन होगा।
अधिवेशन की ड्राफ्टिंग कमेटी में क्या?
अधिवेशन के लिए एक ड्राफ्टिंग कमेटी बनाई गई है, जिसके तहत 5 सब-कमेटियां भी बनाई गई हैं। इनमें पॉलिटिकल अफेयर्स, इकोनॉमिक अफेयर्स, इंटरनेशनल अफेयर्स, संविधान संशोधन और एग्रीकल्चर के अलावा एम्प्लॉयमेंट और गरीबी उन्मूलन की सब-कमेटियां हैं।
क्या है इस अधिवेशन का मकसद?
- साढ़े 7 साल बाद होने वाले कांग्रेस के इस अधिवेशन पार्टी कई अहम मुद्दों पर प्रस्ताव पास करेगी, जिनमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी सबसे बड़ा मुद्दा है।
- इस अधिवेशन में कांग्रेस बीजेपी विरोधी पार्टियों को साथ लाने के लिए महागठबंधन के एजेंडे पर भी काम करेगी, क्योंकि यूपी लोकसभा उपचुनावों में समाजवादी पार्टी की जीत के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस उन सभी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है जो बीजेपी को हरा सकते हैं।
- तीन दिन तक चलने वाले इस अधिवेशन में कांग्रेस देश के कई मुद्दों पर चर्चा करेगी, जिनमें खासतौर से पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल, इंटरनेशनल अफेयर्स, एग्रीकल्चर, एम्प्लॉयमेंट और गरीबी पर फोकस किया जाएगा।
- इस अधिवेशन में NDA सरकार की नाकामी और UPA सरकार की अचीवमेंट्स पर बात की जाएगी, ताकि आगे के चुनावों की तैयारी की जा सके।
- इसके अलावा इस अधिवेशन का मकसद ये भी है कि अगर कांग्रेस पार्टी 2019 में सत्ता में आती है, तो वो क्या करेगी। इसके साथ ही पार्टी अपना विजन डॉक्यूमेंट भी पेश करेगी।
क्यों खास है ये अधिवेशन?
- आमतौर पर अधिवेशन में कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर फोकस किया जाता है, लेकिन इस अधिवेशन में पार्टी वर्कर्स पर फोकस किया जाएगा।
- इसमें पार्टी के 1500 से ज्यादा नेता और कई देशों के एंबेसेडर्स को भी बुलाया गया है।
- इस अधिवेशन में देशभर के कांग्रेसी वर्कर्स को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा वर्कर्स ब्लॉक और डिस्ट्रिक्ट लेवल के हों।
Created On :   16 March 2018 7:58 AM IST