मप्र समेत 3 राज्यों में बीएसपी के साथ मिल कर भाजपा को टेंशन देगी कांग्रेस

Congress will contest elections with BSP in Madhya Pradesh, Chhattisgarh and Rajasthan
मप्र समेत 3 राज्यों में बीएसपी के साथ मिल कर भाजपा को टेंशन देगी कांग्रेस
मप्र समेत 3 राज्यों में बीएसपी के साथ मिल कर भाजपा को टेंशन देगी कांग्रेस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में संपन्न उप-चुनाव नतीजे विपक्षी दलों के लिए संजीवनी साबित हुए हैं। दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन के चर्चे हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के रणनीतिकार मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अगले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। कांग्रेस का मानना है कि बीएसपी के साथ मिल कर इस राज्यों में भाजपा को बांधा जा सकता है। वर्तमान में इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। 

गठबंधन पर सैद्धांतिक सहमति बनी 
संभावना है कि कांग्रेस और बीएसपी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ सकते हैं। तीनों राज्यों में कांग्रेस बीएसपी को कुछ सीटें देने को सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने गठबंधन को अंतिम शक्ल देने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश में कमलनाथ, राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में पीएल पुनिया को दी है। गठबंधन की शर्तें और स्वरूप, तय करने के बाद दोनों दलों के शीर्ष नेता इसकी औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीएसपी प्रमुख मायावती के बीच इस संबंध में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। वे दोनों सैद्धांतिक रूप से गठबंधन के लिए सहमत हैं। उनकी औपचारिक सहमति के बाद गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी। 

किसी भी सूरत में भाजपा को रोकना लक्ष्य 
भाजपा शासित इन तीनों ही राज्यों में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस इन दिनों किसी भी सूरत में भाजपा को रोकने के अभियान पर काम कर रही है। कांग्रेस ने एक दिन पहले ही कर्नाटक में जेडीएस-बीएसपी के साथ अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान किया है। उधर, दिल्ली में भी कांग्रेस आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मिल कर चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाश रही है। सूत्रों के अनुसार उनके बीच गठबंधन हो गया है। जिसके अनुसार दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी, जबकि आप पांच पर।  कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने संकेत दिया था कि वे आने वाले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए किसी भी स्तर पर गठबंधन को तैयार हैं। अब उन्होंने इस बात को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। 

मिल कर लड़ेंगे लोकसभा-विधानसभा चुनाव 
अब तक मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों में कांग्रेस और बीएसपी अलग-अलग लड़ती रही हैं। इन राज्यों में बीएसपी कुछ सीटों पर मजबूती से लड़ती रही है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीएसपी के वोट कई सीटों पर जीतने वाली बीजेपी से कहीं ज्यादा थे। सूत्रों के अनुसार अगर दोनों दलों के बीच गठबंधन होता है, तो बीएसपी और कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव एक साथ मिल कर लड़ेंगे। कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि मायावती के साथ रहने से न सिर्फ इन तीन राज्यों में दलित वोट उनके पक्ष में आ जाएगा, बल्कि इस गठबंधन का असर दूसरे राज्यों में भी पड़ेगा। 

इन्हीं तीन राज्यों से गुजरता है यूपी का रास्ता
आकार-प्रकार की वजह से यूपी देश की राजनीति में हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। सूत्रों का मानना है कि आम चुनाव में यूपी में बीएसपी का कांग्रेस के साथ गठबंधन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले गठबंधन पर निर्भर करेगा। यूपी में बीएसपी कांग्रेस के मुकाबले मजबूत पार्टी है। जाहिर है, पार्टी की कोशिश होगी कि वह कांग्रेस से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने लिए हिस्सा लेने के बाद यूपी में उसे रिटर्न गिफ्ट दे। फिलहाल यूपी में समाजवादी पार्टी (एसपी) और बीएसपी के बीच ही गठबंधन की बातें की जा रही हैं। अब इसमें कांग्रेस भी शामिल हो गई है। हाल के दिनों में बसपा सुप्रीमो ने जिस तरह सम्मानजनक सीटों की बात की और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से निकटता प्रदर्शित की, उससे बीएसपी और कांग्रेस की निकटता के संकेत मिलते हैं। 

तो इसलिए बदला मायावती का स्वर...
वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच पिछले दिनों बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने साफ किया था कि वह तभी किसी गठबंधन का हिस्सा बनेगी, जब उनकी पार्टी को सम्मानजनक हक मिलेगा। इस बीच मायावती के कई बयानों में कांग्रेस के प्रति उनके झुकाव का पता चलता है। मायावती का पिछले दिनों का एक बयान आपको याद होगा। कर्नाटक में जिस दिन चुनाव नतीजे घोषित किए गए थे। उस दिन मायावती ने कहा था कि अगर बीएसपी ने कांग्रेस के साथ मिल कर चुनाव लड़ा होता तो बेहतर परिणाम आते। बीएसपी ने इस बीच अपनी ‘एकला चलो’ की रणनीति बदल दी है। अब उसने गठबंधन का विकल्प खोल दिया है। उसने कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन किया है। हरियाणा में उसका आईएनएलडी के साथ गठबंधन है।

इस तरह समझिए इस गठबंधन का महत्व

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2013 
कुल सीट: 230 
बीजेपी: 165 सीट 
वोट शेयर: 44.88% 
कांग्रेस: 58 सीट, 
वोट शेयर: 36.38% 
बीएसपी: 4 सीट, 
वोट शेयर: 6.43% 
-अगर उस समय कांग्रेस-बीएसपी साथ चुनाव लड़े होते तो बीजेपी को 35-40 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता था। 


राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013 
कुल सीट : 200 
बीजेपी: 163 सीट 
वोट शेयर: 45.2% 
कांग्रेस: 21 सीट, 
वोट शेयर: 33.1% 
बीएसपी: 3सीट, 
वोट शेयर: 3.4% 
-अगर तब दोनों साथ लड़े होते तो बीजेपी को 15 सीटों का नुकसान हो सकता था।


 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2013 
कुल सीट: 90 
बीजेपी: 49 सीट 
वोट शेयर: 41% 
कांग्रेस: 39 सीट, 
वोट शेयर: 40.3% 
बीएसपी: 1 सीट, 
वोट शेयर: 4.3% 
-अगर तब कांग्रेस-बीएसपी साथ लड़े होते तो बीजेपी की जीत मुश्किल थी और गठबंधन की सरकार बन सकती थी। 
 

Created On :   3 Jun 2018 3:58 AM GMT

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