MAX हॉस्पिटल : लाइसेंस रद्द होने पर DMA की चेतावनी- ठप कर देंगे मेडिकल व्यवस्था

Delhi medical association threat to govt in case of max hospital licence cancelled
MAX हॉस्पिटल : लाइसेंस रद्द होने पर DMA की चेतावनी- ठप कर देंगे मेडिकल व्यवस्था
MAX हॉस्पिटल : लाइसेंस रद्द होने पर DMA की चेतावनी- ठप कर देंगे मेडिकल व्यवस्था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के शालीमार बाग स्थित MAX हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द किए जाने के एक दिन बाद मेडिकल एसोसिएशन (DMA) का गुस्सा सामने आ रहा है। नाराज एसोसिएशन ने कहा है कि अगर सरकार और प्रशासन ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो दिल्ली की मेडिकल व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा। एसोसिएशन ने इस दौरान सरकारी अस्पतालों को भी व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए बंद करने की मांग की है।

गौरतलब है कि जीवित बच्चे को मृत बताने के मामले में सरकार ने MAX हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके बाद सामने आकर DMA प्रेसिडेंट डॉक्टर विजय मल्होत्रा ने शासन-प्रशासन को मेडिकल व्यवस्था ठप करने की धमकी दी है। मल्होत्रा ने कहा है कि अगर अस्पताल के लाइसेंस रद्द करने के आदेश को वापस नहीं लिया जाता है तो वे सोमवार या मंगलवार से दिल्ली की मेडिकल व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर देंगे।

डॉक्टर मल्होत्रा ने कहा कि डॉक्टर इस माहौल में घुटा हुआ महसूस कर रहे हैं। उनका आरोप है कि डॉक्टरों के किसी भी घटना को बहुत बड़ा बना दिया जा रहा है और ऐसे बयान दिए जा रहे हैं कि डॉक्टर ने मर्डर कर दिया। मल्होत्रा ने कहा कि इस तरह के बयान बंद होने चाहिए। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने यहां तक कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए जाने चाहिए क्योंकि वहां कोई सुविधा नहीं है। MAX हॉस्पिटल वाले मामले पर डॉक्टर मल्होत्रा ने कहा कि 20 से 22 हफ्ते के उस बच्चे का बचना नामुमकिन था।

गौरतलब है कि 30 नवंबर को MAX हॉस्पिटल में वर्षा नाम की एक महिला की ऑपरेशन के जरिए प्रीमच्योर डिलिवरी हुई थी। महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। इस दौरान डॉक्टरों ने दोनों नवजातों को मृत घोषित कर उनके शरीर के प्लास्टिक में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया था। नवजात बच्चों को दफनाने के दौरान परिजनों ने देखा कि एक बच्चा जिंदा था, जिसके बाद उसे एक दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि 3-4 दिन बाद उस बच्चे की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।

मृत नवजात के परिजनों ने अस्पताल पर इलाज के नाम पर बहुत ज्यादा पैसे ऐंठने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली सरकार के जांच पैनल ने यह भी पाया था कि अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का मुफ्त इलाज भी नहीं कर रहा था। इसी मामले में दिल्ली सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए थे। 3 सदस्यीय जांच पैनल ने अस्पताल को दोषी पाया था, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को अस्पताल के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया था। लाइसेंस रद्द होने के बाद अस्पताल में सिर्फ पहले से भर्ती मरीजों का ही इलाज हो रहा है।

Created On :   9 Dec 2017 5:57 PM GMT

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