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जग-हंसाई बाद दिल्ली पुलिस बोली, हाईवे-24 (9) पर 70 की स्पीड से दौड़ाओ वाहन (आईएएनएस इंपैक्ट)

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 (अब-9) पर अंधाधुंध ई-चालान से जुर्माना बटोरने के मामले में जग-हंसाई करा चुकी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अब अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। इस क्रम में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अब खुद के ही पहले लागू किए गए आदेशों को बेकार करार देते हुए नया-आदेश जारी किया है।
नए आदेश के मुताबिक, अब राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 (अब-9) पर कार-जीप, तिपहिया वाहन 70 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ाए जा सकते हैं। सरकारी खजाना भरने के जुनून में अब तक यही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, राष्ट्रीय राजमार्ग-24 के ऊपर 60 किलोमीटर प्रति घंटा की ज्यादा की गति से वाहन चलाते पकड़े जाने पर, बेवजह ही लाखों चालान काटकर करोड़ों रुपये राष्ट्रीय राजधानी की सरकार के खजाने में भर चुकी है।
बेकसूर वाहन चालकों से अब तक जमा कराए जा चुके करोड़ों की जुर्माना राशि की वापसी, पीड़ितों को कैसे की जाएगी? दिल्ली सरकार और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस इस पर फिलहाल मौन रहने में ही खुद की भलाई समझ रही है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले को आईएएनएस ने दो दिन पहले ही सोमवार को (14 अक्टूबर 2019) प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के हवाले से लिखा था कि अगस्त 2019 से 10 अक्टूबर, 2019 तक राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर गति-सीमा (60 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ज्यादा स्पीड) संबंधी भेजे गए करीब डेढ़ लाख चालान दिल्ली यातायात पुलिस वापस लेगी।
इस खबर के बाद ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में हड़कंप मचा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को अपनी गफलत और गलती का अहसास हुआ। हालांकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस महीनों से इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंधाधुंध जुर्माना राशि वसूलने में दिन-रात जुटी हुई थी।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस 60 से ज्यादा की गति से इस मार्ग (निजामुद्दीन पुल से गाजीपुर बार्डर, यूपी गाजियाबाद सीमा) पर चलने वाले वाहनों के दनादन ई-चालान भेज रही थी। जबकि, पीडब्ल्यूडी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मशविरे पर और नियमानुसार इस मार्ग पर 70 की गति को कानूनी रूप से सही करार दे रखा था। इतना ही नहीं 70 की स्पीड पर वाहन चलाने की अनुमति संबंधी साइनबोर्ड भी कई जगह लगे थे।
इस सबके बाद भी अपनी पर अड़ी हुई दिल्ली ट्रैफिक पुलिस खुद के कैमरों में सुधार करने को राजी नहीं थी। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस हाईवे पर मौजूद अधिकृत साइनबोर्डस पर लिखी 70 किलो मीटर प्रति घंटा की गति-सीमा को खुलेआम चुनौती दे रही थी।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यह जानते हुए भी कि इस हाइवे पर चार-पहिया हल्के वाहन 70 की स्पीड पर चलाए जा सकते हैं, अपने कैमरों में स्पीड लिमिट 60 ही रखे हुए थी। लिहाजा जो वाहन चालक 60 से अधिक की स्पीड में वाहन चलाता, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पीड पकड़ने वाले कैमरे में कैद हो जाता, ट्रैफिक पुलिस उसके सिर ई-चालान के जरिए जुर्माने की भारी-भरकम रकम ठोंक दे रही थी। दरअसल यह दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की भूल नहीं, बल्कि उसका अड़ियल रवैया था। जिसके खिलाफ राजधानी के लाखों वाहन चालकों में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ रोष फैलता जा रहा था।
कुछ संगठन तो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को सबक सिखाने के लिए इस मामले में अदालत में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी में अभी भी जुटे हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि जैसे ही दिल्ली पुलिस को अदालत में जनहित याचिका दाखिल किए जाने की हवा लगी, वैसे ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने खुद के पांव पीछे खींच लेने में ही अपनी खैर समझी। आनन-फानन में बुधवार (16 अक्टूबर 2019) को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की डिप्टी पुलिस कमिश्नर (हेड-क्वार्टर) अंजिथा चेपयाला द्वारा जारी आदेश इसका सबूत है।
इस संशोधित आदेश में डीसीपी ने साफ-साफ लिखा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 (24) पर चार पहिया वाहन जैसे कार, जीप, दुपहिया और तिपहिया वाहन क्रमश: 70 और 40 की गति से दौड़ाए/चलाए जा सकते हैं। डीसीपी ने यह आदेश अपने विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से लागू किए जाने को भी कहा है।
-- आईएएनएस
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