चीन से मुकाबले को तैयार है भारत, अंडमान-निकोबार में तैनात करेगा फाइटर प्लेन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार अंडमान और निकोबार द्वीप पर अपने फाइटर प्लेन तैनात करने की योजना बना रहा है। भारत मलक्का, सुंदा, लुम्बोक और ओम्बई वेतार जलडमरूमध्य के साथ हिंद महासागर के पश्चिमी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहता है। अपनी मौजूदी सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत ने यह फैसला किया है।
चीन बढ़ाना चाहता है दबदबा
बता दें कि मलक्का, सुंदा और लुम्बोक जलडमरूमध्य संकरे समुद्री रास्ते हैं। ये हिंद महासागर को दक्षिणी चीन सागर से जोड़ते हैं। वहीं चीन भी हिंद महासागरीय क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाना चाहता है। पिछले दिनों भी 3 चीनी युद्धपोत, पनडुब्बी और परमाणु पनडुब्बी भारत के हिस्से वाले समुद्री क्षेत्र में देखे गए थे। उस समय भारतीय नौसेना ने एक ट्वीट कर मैसेज दिया था कि पड़ोसी देश की गतिविधियों पर हमारी नजर है।
कई बार हो चुकी मीटिंग
बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दोनों देशों में शांति पर वार्ता हुई थी। मोदी-शी की मुलाकात के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने भी मीटिंग की थी। चीन समुद्र के रास्तें और जमीनी रास्तें दोनों तरफ से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करता रहता है। जिसका भारत की ओर से माकूल जवाब दिया जाता है।
भारतीय नौसेना युद्धपोत भी तैनात किए
पिछले कुछ समय से चीन के खिलाफ अंडमान निकोबार चेन लाइन को डिफेंस के तौर पर बढ़ावा देने की योजना है। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए मोदी सरकार ने इस पर ध्यान केंद्रित किया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला उस समय हुआ है, जब पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक वार्ता के बाद दोनों देशों ने 3,488 किमी लंबी और विवादित नियंत्रण रेखा पर अपने रुख को शांत बनाने पर जोर दिया है।
भारतीय नौसेना ने इस इलाके में 19 महत्वपूर्ण युद्धपोत तैनात किए हैं और युद्धपोतों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए दो तैरने वाले जहाज गोदाम भी बनाए हैं।
Created On :   9 May 2018 12:40 PM IST