MAX हॉस्पिटल केस: DMC ने जारी किया 9 डॉक्टरों को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जीवित बच्चे को मृत बताने वाले शालीमार बाग के MAX हॉस्पिटल के 9 डॉक्टरों को दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने नोटिस जारी किया है। ये नोटिस नवजात शिशु को मृत बताने के मामले में ही दिया गया है। 5 जनवरी तक इन डॉक्टरों को अपना जवाब देना होगा। अगर डॉक्टर, काउंसिल को निर्धारित समय में जवाब नहीं देते हैं तो फिर उनके खिलाफ दोष साबित कर दिया जाएगा।
डीएमसी के रजिस्ट्रार डॉ. गिरीश त्यागी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से उन्हें जवाब मिल चुका है, लेकिन डॉक्टरों की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। इसीलिए उन्हें नोटिस भेज 15 दिन की मोहलत दी गई है। 5 जनवरी तक जवाब नहीं मिला तो आरोपों को सही माना जाएगा।
उपराज्यपाल का स्टे
इससे पहले दिल्ली सरकार की उस मांग को उपराज्यपाल ने ठुकारा दिया था, जिसमे उन्होंने हॉस्पिटल के लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के आदेश पर स्टे लगा दिया था। स्टे के बाद MAX हॉस्पिटल ने अपना काम दोबारा शुरु कर दिया था।
CM पर सांठ-गांठ के आरोप
अस्पताल शुरू होने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाए थे। तिवारी ने ट्वीट कर कहा था कि "जो शंका थी फिर वही हुआ,पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं क्योंकि केजरीवाल सरकार का यही चरित्र है" ट्वीट में मनोज तिवारी ने केजरीवाल से सवाल किया था। मनोज तिवारी ने पूछा था "कितने की डील हुई मालिक?"
ये कहा MAX प्रबंधन ने
वहीं मैक्स हॉस्पिटल की तरफ से आए ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा गया था कि अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को फ्री इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने पर अस्पताल ध्यान केंद्रित कर रहा है। वहीं प्रबंधन ने ये भी कहा था कि अस्पताल ने अपने कार्यों का संचालन एक बार फिर से सुचारू रूप से शुरु कर दिया है।
ये कहा था स्वास्थ्य मंत्री ने
इस मामले के सामने आने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि MAX हॉस्पिटल में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। इसीलिए सरकार ने इस पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
सदमे में था परिवार
दरअसल, 30 नवंबर को दोपहर मैक्स हॉस्पिटल मे वर्षा को जुड़वा बच्चे (एक लड़का और एक लड़की) पैदा हुए थे। उसमें से एक बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। पूरा परिवार इस बात को सुनते ही सदमे में आ गया। इतने में ही डॉक्टरों की टीम ने दूसरे बच्चे को भी मृत घोषित कर दिया। बस फिर क्या था पूरे परिवार की खुशियां एक ही पल में गम में बदल गईं। इसके बाद डॉक्टरों ने दोनों बच्चों के शव परिवार वालों को दे दिए। परिवार वाले कार में सवार होकर घर के लिए निकल गए जैसे ही कार मधुबन चौक तक पहुंची तो अचानक लड़के की सांसें चलने लगी और उसने पैर हिलाने शुरू कर दिए। जिसके बाद परिवार वालों ने दूसरे अस्पताल में बच्चे को भर्ती कराया था।
Created On :   24 Dec 2017 8:01 AM IST