रामजन्मभूमि विवाद : नई याचिका पर बीजेपी बोली- हम विवादित भूमि को छू भी नहीं रहे
- केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक बार फिर कांग्रेस पर राम मंदिर निर्माण में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
- जावड़ेकर ने कहा
- भगवान राम के प्रति कांग्रेस की आस्था नहीं है।
- हम गैरविवादित भूमि को राम जन्मभूमि न्यास और अन्य को वापस करना चाहते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की अयोध्या में गैरविवादित भूमि उसके मालिकों को दिए जाने की याचिका पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि हम विवादित रामजन्मभूमि को छू भी नहीं रहे हैं। वहीं जावड़ेकर ने एक बार फिर कांग्रेस पर राम मंदिर निर्माण में बाधा डालने का आरोप लगाया है। जावड़ेकर ने कहा कि कपिल सिब्बल ने जिस तरह से कोर्ट में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर की सुनवाई नहीं करने के लिए कहा है, इससे साबित होता है कि भगवान राम के प्रति कांग्रेस में आस्था नहीं है। वो राम में विश्वास नहीं करते हैं। राम सेतु पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हलफनामा देकर इसे काल्पनिक बताया था। उन्होंने कहा "जिन्होंने 56 साल कुछ नहीं किया वे हर मामले पर हमसे 56 महीने का सवाल पूछ रहे हैं, यह हास्यपद है।"
P Javadekar on #RamTemple: Congress always tries to block the process.Kapil Sibal"s argument of allotting a date for hearing in the matter only after July"19 is evident to that.They don"t believe in Ram.Affidavit submitted by the then Congress govt on Ram Setu called it imaginary pic.twitter.com/yj3PuUqQ2w
— ANI (@ANI) January 29, 2019
जावड़ेकर ने कहा, "राम मंदिर पर बीजेपी का मत एकदम स्पष्ट है। मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि पर ही होना चाहिए। जो भी कानूनी उपाय की आवश्यकता होगी, भाजपा उसके लिए प्रयास करेगी। पीएम ने स्पष्ट किया था कि लोग राम मंदिर निर्माण चाहते हैं, ऐसे में कानूनी प्रक्रिया के बाद जो उचित कदम होंगे, उठाए जाएंगे।" उन्होंने कहा "आज का आवेदन भी एक कानूनी निर्णय है।" जावड़ेकर ने कहा, विवादित ढांचे वाली जमीन के हिस्से को सरकार छू भी नहीं रही है। हम गैरविवादित भूमि को राम जन्मभूमि न्यास और अन्य को वापस करना चाहते हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर गैरविवादित 67 एकड़ भूमि को हिंदू पक्षकारों को सौंपने की अपील की है।
उधर, केंद्र सरकार के इस कदम पर बाबरी मस्जिद के दूसरे पक्षकार हाजी महबूब ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हाजी ने कहा, "यह राजनीतिक खेल है इससे 1990 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। न्यास को जमीन देने की मंशा सरकार ने जाहिर कर दी है जबकि अधिग्रहण के मकसद में साफ कहा गया है कि जिसके पक्ष में फैसला आएगा, उसे इसका हिस्सा आवंटित किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि विवादित भूखंड को छोड़ कर कहीं भी मंदिर निर्माण किया जाए हमें ऐतराज नहीं है पर विवादित 2.77 एकड़ सुरक्षित रहना चाहिए।
Created On :   29 Jan 2019 7:32 PM IST