हाईकोर्ट ने एसआईटी द्वारा चार्जशीट जमा करने की सहमति दी
- कर्नाटक सेक्स सीडी मामला: हाईकोर्ट ने एसआईटी द्वारा चार्जशीट जमा करने की सहमति दी
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली से जुड़े कथित सेक्स सीडी मामले में आरोपपत्र दाखिल करने पर सहमति जताई है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि यह रमेश जरकीहोली के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि कहा जाता है कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बेलागवी के राजनेता को क्लीन चिट दे दी है, जो कर्नाटक में भाजपा को सत्ता हासिल करने में मदद करने वाले नेताओं में से एक हैं।
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को यह आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि चूंकि एसआईटी प्रमुख ने अंतिम रिपोर्ट के लिए सहमति दी है और इसे प्रस्तुत करने से कैसे रोका जा सकता है। पीठ ने पीड़िता के वकील से यह भी कहा कि अगर रिपोर्ट के संबंध में कोई आपत्ति है, तो वह मजिस्ट्रेट अदालत का दरवाजा खटखटाएं जो मामले को देख रही है। पीठ ने कहा कि यह सही है या गलत, इस पर रिपोर्ट का न्याय करना उचित नहीं है।
पीड़िता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि राज्य सरकार ने आरोपी के अनुरोध पर एसआईटी का गठन किया था और रिपोर्ट की सामग्री मीडिया में लीक कर दी गई है, जिसमें कहा गया कि एसआईटी ने मामले में बी-रिपोर्ट (सबूत के अभाव में मामले को बंद करना) दर्ज की है। एसआईटी के गठन की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। उसने कहा कि वे चाहते हैं कि उच्च न्यायालय के माध्यम से एसआईटी का गठन किया जाए और मामले में एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के संबंध में आपत्ति दर्ज करने के लिए समय मांगा। एसआईटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अशोक हरनहल्ली ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए अदालत की सहमति मांगी।
सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट रमेश जरकीहोली के भाग्य का फैसला करेगी, जिन्हें कथित निजी वीडियो के लीक होने के बाद इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। जल्द ही, मामला एक घोटाले में बदल गया और राष्ट्रीय समाचार बन गया। अफवाहों के बाद कि एसआईटी ने क्लीन चिट दे दी है, रमेश जरकीहोली मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के कैबिनेट में कैबिनेट पद के लिए जोर-शोर से पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को गोवा में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी और करीब 30 मिनट तक चर्चा की थी।
सत्तारूढ़ भाजपा ने विधान परिषद चुनावों में पार्टी उम्मीदवार की हार को लेकर रमेश जरकीहोली के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है। रमेश जरकीहोली ने अपने छोटे भाई लखन जरकीहोली का खुलकर समर्थन किया, जिन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। भाजपा परिषद में एक सीट से बहुमत हासिल करने से चूक गई, जिससे राज्य पार्टी नेतृत्व को गंभीर शमिर्ंदगी उठानी पड़ी।
आईएएनएस
Created On :   3 Feb 2022 8:01 PM IST