पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों किसानों ने हाईवे जाम किया
- पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों किसानों ने हाईवे जाम किया
चंडीगढ़, 16 सितंबर (आईएएनएस)। कृषि संबंधी तीन विधेयकों से नाराज सैकड़ों किसानों ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में प्रमुख राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, ताकि संसद में इन्हें कानून न बनाया जा सके।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर पंजाब के किसी भी सांसद ने संसद में कृषि विधेयकों का समर्थन किया तो उन्हें गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, जो सांसद संसद में कृषि विधेयकों का समर्थन करेंगे, उन्हें गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उनके संगठन के सदस्यों ने पंजाब के कई स्थानों पर मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। हरियाणा में भी किसानों के राजमार्ग अवरुद्ध करने की खबरें हैं।
पंजाब के पटियाला शहर में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर और पूर्व मुख्यमंत्री एवं अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल के मुक्तसर जिले के उनके पैतृक बादल गांव में स्थित आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने धरना शुरू कर दिया।
दोनों राज्यों के किसानों ने विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली के जंतर मंतर पर भी धरना दिया। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
किसानों के विरोध को देखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब के विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस की मौजूदगी देखी गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे कृषि विधयकों को लेकर राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन न करें। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा, क्योंकि वे अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 144 का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ पहले से दर्ज एफआईआर वापस ले ली जाएंगी।
वह पंजाब कांग्रेस की ओर से किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के बाद गवर्नर हाउस के बाहर मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो पंजाब के लिए मुसीबत पैदा करेगा और वास्तव में पूरे देश पर इसका असर पड़ेगा।
अमरिंदर सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार के द्वार पर यानी दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन करें। उन्होंने किसानों को उनकी लड़ाई में कांग्रेस के समर्थन का आश्वासन भी दिया।
एकेके/एसजीके
Created On :   16 Sept 2020 8:30 PM IST