तलाक के लिए स्काइप का इस्तेमाल कर सकते हैं पति-पत्नी- हाईकोर्ट

Husband-wife can use Skype for divorce High court
तलाक के लिए स्काइप का इस्तेमाल कर सकते हैं पति-पत्नी- हाईकोर्ट
तलाक के लिए स्काइप का इस्तेमाल कर सकते हैं पति-पत्नी- हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि पति-पत्नी में से कोई एक विदेश में है और वह व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में आने में असमर्थ है तो ऐसी स्थिति में पावर आफ अटार्नी के जरिए तलाक के लिए याचिका दायर की जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में पारिवारिक अदालत तलाक के लिए स्काईपे व दूसरे तकनीकी सुविधाओं के जरिए पति अथवा पत्नी की सहमति रिकार्ड करने की इजाजत दे। न्यायमूर्ति भारती डागरे  ने पुणे की पारिवारिक अदालत के आदेश को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया है। पारिवारिक अदालत ने एक दंपति को तलाक से जुड़े मामले की जानकारी देने के लिए व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में हाजिर रहने को कहा था। न्यायमूर्ति डागरे ने कहा कि पंजीकृत पावर आफ अटार्नी के जरिए  तलाक के लिए याचिका दायर करने को कानूनी रुप से गलत नहीं माना जा सकता है। इस लिहाज से पारिवारिक अदालत प्रकरण से जुड़े दंपति की अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति पर जोर नहीं दे सकता। पारिवारिक न्यायालय इस मामले से जुड़े दंपति की सहमति स्काइप तथा दूसरी अाधुनिक तकनीक के जरिए रिकार्ड करे।

16 साल पहले हुआ था विवाह
मामले से जुड़े दंपति का विवाह साल 2002 में हुआ था पर साल 2016 में वे एक दूसरे से अलग हो गए। हालांकि इस दौरान दोनों के बीच सुलह की भी कोशिश की गई लेकिन कोशिश सफल नहीं हुई। इसके बाद दोनों ने हिंदु विवाह अधिनियम की धारा 13 बी के तहत पारिवारिक अदालत में अर्जी दी। लेकिन पारिवारिक अदालत ने इस आधार पर याचिका को स्वीकार करने से इंकार कर दिया कि पत्नी याचिका पर हस्ताक्षर करने के लिए व्यक्तिगत रुप से मौजूद नहीं है। सुनवाई के दौरान पत्नी की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल अमेरिका में कार्यरत हैं इसलिए वह हस्ताक्षर करने के लिए उपलब्ध नहीं हो पायी। लेकिन पारिवारिक अदालत ने इस पर गौर नहीं किया। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उपरोक्त फैसला सुनाया। 

Created On :   14 April 2018 6:38 PM IST

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