भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के राडार पर इस्लामी संघ नेपाल

Islamic Union Nepal on the radar of Indian Intelligence Agencies
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के राडार पर इस्लामी संघ नेपाल
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के राडार पर इस्लामी संघ नेपाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत से नेपाल का बार्डर सबसे नजदीक है। भारत के कई अपराधी अक्सर नेपाल फरार हो जाते हैं। भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों को शक है कि भारत से भागने वाले आतंकियों और अपराधियों को काठमांडू स्थित इस्लामी संघ नेपाल इन दिनों पनाह देने का काम कर रहा है। एक महीने के भीतर हुई इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर और आरिफ मोहम्मद उर्फ जुनैद की गिरफ्तारी में इस कनेक्शन का खुलासा हुआ है। 

 

                                                                                      (ग्राफिक आर्टिस्ट "सागर" का है) 

 

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि इन आतंकियों को लॉजिस्टिक सपॉर्ट मुहैया कराने में इस्लामिक संघ नेपाल के निजाम खान का हाथ है। हालांकि एजेंसियों ने इस संबंध में इस्लामी नेपाल संघ को मेल किया तो वहां से कोई जवाब नहीं दिया गया। एजेंसियों को संदेह है कि दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई जैसे शहरों में बम धमाकों और आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के बाद तौकीर और जुनैद जैसे खूंखार आतंकियों ने 2008 के आस-पास नेपाल में जाकर छिप गए थे।

 


 

रियाज भटकल का करीबी है निजाम 


बता दें कि निजाम खान को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक रियाज भटकल का खास माना जाता है। स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार, पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की सुरक्षा में पाकिस्तान और पश्चिम एशिया वह आता जाता रहा है। इस्लामिक संघ नेपाल की विचारधारा भी प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी से मिलती-जुलती है। बताया जा रहा है कि निजाम खान ने तौकीर और जुनैद जैसे आतंकियों को मदद दी और उन्हें नेपाल की फर्जी नागरिकता दिलाई। इंडियन मुजाहिदीन को दोबारा खड़ा करने के लिए निजाम ने मैन पॉवर का भी इंतजाम किया।

 

 

नेपाल में छिपे इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी
 
एजेंसियों के अनुसार, निजाम खान नेपाल के बिराट नगर स्थित नबी प्लाजा में फॉरेन मनी एक्सचेंज की शॉप संचालित करता है। उसका काठमांडू में घर भी है और वहां से एक ग्रुप के जरिए भारत विरोधी गतिविधियां संचालित करता है। बताया जा रहा कि इस काम में अताउल्लाह, हसन और ताहिर महूमद भी उसका साथ देते हैं। ताहिर महमूद पहले सिमी से भी जुड़ा रहा है।

 

 

बिजनस के नाम पर ये सभी अकसर भारत में आते रहे हैं। गोरखा सिटी में ऑटो-रिपेयर शॉप चलाने वाला हसन मुंबई आया था। कहा जा रहा है कि नेपाल में भी बड़ी संख्या में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों की मौजूदगी है। 

Created On :   16 March 2018 12:26 PM IST

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