मामला रद्द होने के बाद नारायणन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पहुंच गए थे। उन्होंने खुद को प्रताड़ित बताते हुए 1 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की थी। 2012 में एनएचआरसी ने 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का अंतरिम आदेश दिया था। इससे संतुष्ट न होने पर नारायणन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और 2015 में उन्होंने केरल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई का मामला दायर किया था।
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दैनिक भास्कर हिंदी: ISRO जासूसी : सुप्रीम कोर्ट ने कहा वैज्ञानिक नारायणन को दें 50 लाख मुआवजा

हाईलाइट
- 24 साल पहले नंबी नारायणन पर लगे थे जासूसी के आरोप
- सुनवाई चीफ जस्टिस दीप मिश्रा की अध्यक्षता वाली बैंच कर रही थी
- केरल पुलिस के अधिकारियों की जांच के भी दिए आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक एस नंबी नारायणन को 50 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर मिलेंगे। ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 24 साल पहले नारायण पर लगे जासूसी के आरोप वाले केस में सुनाया है।
इस केस की सुनवाई एक विशेष बेंच कर रही थी, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे थे। बेंच ने कहा कि इस मामले में नारायणन को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा। इससे उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा है, इसलिए उन्हें 50 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाने चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने मामले की जांच करने वाले केरल पुलिस के अधिकारियों की जांच के लिए भी एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। ये कमेटी रिटायर्ड जज डीके जैन की अध्यक्षता में बनाई जाएगी।
ISRO scientist alleged spying case: Supreme Court says, "Arrest of ISRO scientist Nambi Narayan is needless and unnecessary,"; Court grants him a compensation of Rs 50 lakh
— ANI (@ANI) September 14, 2018
बता दें कि ये मामला 1994 का है, जिसमें वैज्ञानिक नंबी नारायणन के अलावा डी शशिकुमारन को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का दावा था कि दोनों ने पाकिस्तान को कुछ गुप्त दस्तावेज दिए हैं, जिनमें क्रायोजेनिक इंजन का जिक्र था। 20 दिन के अंदर ही केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था। सीबीआई ने कह था कि ये आरोप झूठे हैं। सीबीआई ने यह भी कहा था कि खुफिया ब्यूरो और पुलिस ने सही तरीके से काम नहीं किया। इसके बाद 1996 में तत्कालीन राज्य सरकार ने दोबारा जांच का आदेश दे दिया था। 1998 में इस मामले को रद्द कर दिया गया।

आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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